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तनुश्री दत्ता ने एक्टर नाना पाटेकर के खिलाफ सेक्सुअल हैरासमेंट का आरोप लगाकर मोर्चा खोल दिया है. ये विवाद दिनोंदिन तूल पकड़ता जा रहा है. तनुश्री का आरोप है कि एमएनएस और नाना पाटेकर की तरफ से उन्हें धमकियां मिल रही हैं. इसके बाद मुंबई पुलिस ने तनुश्री को 24 घंटे की पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाई है.
एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में तनुश्री दत्ता ने एमएनएस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने उन पर हिंसक हमला करने की धमकी दी है. साथ ही उन्होंने कहा कि ये उन धमकियों में सबसे बड़ी है, जो नाना की तरफ से उन्हें दी गई हैं.
उन्होंने कहा, "मैं मुंबई पुलिस फोर्स का शुक्रिया अदा करती हूं कि वो मेरी सुरक्षा के लिए आगे आए और मेरे संकल्प को मजबूत करने में मेरी मदद की.”
हाल ही में तनुश्री दत्ता ने एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे और उनकी पार्टी की आलोचना की है. तनुश्री दत्ता ने एक इंटव्यू के दौरान ये कहा, "बाल ठाकरे की कुर्सी राज ठाकरे को नहीं मिली, इसलिए खुद को काबिल साबित करने के लिए वे अपने गुंडे को तोड़फोड़ के लिए भेजते हैं. तोड़फोड़ कौन करता है हमारी इंडस्ट्री में? एमएनएस ही करती है न? जिसे भी तोड़फोड़ करवानी होती है, वह एमएनएस से संपर्क करता है."
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सिने और टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन (सिनटा) ने मंगलवार को कहा कि वह 2008 में नाना पाटेकर के खिलाफ तनुश्री दत्ता के यौन उत्पीड़न के आरोप का समाधन नहीं कर पायी थी, लेकिन अब तनुश्री को अपना समर्थन देती है.
तनुश्री ने एक दशक पहले ‘हॉर्न ओके प्लीज' फिल्म के सेट पर अपने साथ हुई बदसुलूकी के खिलाफ सिनटा में शिकायत दर्ज कराई थी. तनुश्री ने आरोप लगाया था कि संगठन ने उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया. अब अपने नए बयान में सिनटा ने कहा, ‘‘हम किसी भी शख्स के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले काम की निंदा करते हैं. हमारे लिए किसी भी तरह का यौन उत्पीड़न स्वीकार नहीं है.''
बयान में कहा गया है कि मार्च 2008 में सिनटा की कार्यकारी समिति में दायर की गई तनुश्री की शिकायत देखने के बाद संगठन को लगता है कि सिनटा की संयुक्त विवाद निपटान समिति और आईएफटीपीसी (तब एएमपीटीपीपी के तौर पर जानी जाती थी) में अनुचित फैसला हुआ था, क्योंकि इसमें यौन उत्पीड़न की मुख्य शिकायत का समाधान नहीं किया गया था.
संगठन ने अपने बयान में कहा, "तब अलग कार्यकारी समिति थी और सिनटा को लगता है कि यह बहुत खेदजनक है और इसके लिए माफी काफी नहीं हो सकती है. यौन उत्पीड़न एक गंभीर अपराध है, लेकिन दुर्भाग्य से सिनटा का संविधान हमें तीन साल से ज्यादा पुराने मामले को उठाने की इजाजत नहीं देता है."
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