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मजदूरों के दर्द पर गुलजार की कविता-मरेंगे वहीं जाकर जहां जिंदगी है

लॉकडाउन के कारण अपने गांव जाने को मजबूर हुए लाखों मजदूर

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सितारे
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लॉकडाउन के कारण अपने गांव जाने को मजबूर हुए लाखों मजदूर
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लॉकडाउन के कारण अपने गांव जाने को मजबूर हुए लाखों मजदूर
(फोटो: गुलजार फेसबुक, PTI)

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कोरोना वायरस के कारण देशभर में लगाए गए लॉकडाउन ने लाखों मजदूरों से उनकी रोजी-रोटी का जरिया छीन लिया. बसें-ट्रेनें बंद होने से ये मजदूर सैकड़ों मील दूर अपने घरों के लिए पैदल ही निकलने को मजबूर हैं. गीतकार गुलजार ने देशभर के मजदूरों की परेशानी पर एक भावुक कविता लिखी है. इस कविता को उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर रिलीज किया है.

महामारी लगी थी

घरों को भाग लिए थे सभी मजदूर, कारीगर

मशीनें बंद होने लग गई थीं शहर की सारी

उन्हीं से हाथ पाओं चलते रहते थे

वरना जिंदगी तो, गांव ही में बो के आए थे

वो एकड़ और दो एकड़ जमीं, और पांच एकड़

कटाई और बुआई सब वहीं तो थी...

कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च को देश में लॉकडाउन लगाया गया था, जिसे अब तीसरी बार बढ़ाकर 31 मई तक कर दिया गया है. इस दौरान, नौकरी खो चुके लाखों मजदूर पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं. मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए सरकार ने बसें और ट्रेनों का इंतजाम किया है, लेकिन प्रवासियों की संख्या के आगे ये इंतजाम कम पड़ रहे हैं.

मजदूरों की मदद को आगे आए एक्टर्स

कई एक्टर्स भी मजदूरों की मदद को आगे आए हैं. बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए बसों का इंतजाम किया. वो महाराष्ट्र से कर्नाटक के गुलबर्ग के लिए मजदूरों के लिए बसों का इंतजाम कर चुके हैं. वहीं, अब उन्होंने बसों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से भी इजाजत मांगी है.

एक्टर सोनाक्षी सिन्हा ने भी अपनी पेंटिंग को बेचकर मजदूरों की मदद करने का फैसला लिया है. उन्होंने हाल ही में कहा कि वो अपनी पेंटिंग को नीलाम करेंगी और उससे मिलने वाली रकम से दिहाड़ी मजदूरों को राशन किट देंगी.

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