Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Entertainment Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Celebs Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-20195G के विरोध से पहले भी दिखा है जूही चावला का एक्टिविस्ट अवतार

5G के विरोध से पहले भी दिखा है जूही चावला का एक्टिविस्ट अवतार

जूही चावला मोबाइल टावर से होने वाली रेडिएशन को लेकर लगातार लोगों का जागरुक कर रही हैं.

क्विंट हिंदी
सितारे
Published:
5G के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची जूही चावला
i
5G के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची जूही चावला
(फोटो: इंस्टाग्राम)

advertisement

बॉलीवुड एक्टर जूही चावला ने भारत में 5G टेक्नोलॉजी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. अपनी याचिका में जूही चावला ने रेडिएशन से लोगों और जानवरों पर होने वाले प्रभावों को लेकर चिंता व्यक्त की है. ये पहली बार नहीं है जब जूही चावला किसी मुद्दे के खिलाफ कोर्ट गई हों. इससे पहले भी वो पर्यावरण से जुड़े कई मुद्दों का खुलकर विरोध कर चुकी हैं.

साल 2011 में जूही चावला और इलाके के कई लोगों ने मोबाइल टावर के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद प्रशासन ने इलाके में से कई मोबाइल टावरों को हटा दिया था. इसके बाद से ही जूही चावला मोबाइल टावर से होने वाली रेडिएशन को लेकर लगातार लोगों का जागरुक कर रही हैं. वो सिटिजन फॉर टुमौरो नाम का संगठन भी चलाती हैं.

मोबाइल टावर रेडिएशन के खिलाफ लगातार कर रहीं काम

साल 2013 में, जूही चावला ने मोबाइल रेडिएशन के खतरे के बारे में द हिंदू बिजनेस लाइन से कहा था, “हम टेलीकॉम कंपनियों के खिलाफ नहीं हैं. हम बस ये कह रहे हैं कि अगर टेलीकॉम कंपनियां मार्केंटिंग पर इतने पैसे खर्च कर रही हैं, तो उन्हें इसे सुरक्षित बनाने पर भी खर्च करना चाहिए.”

साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी डाली थी. जूही ने अपनी याचिका में स्वास्थ्य संबंधी खतरों को कम करने के लिए रेडिएशन को कम करने के लिए नियमों और मानदंडों की मांग की. याचिका में जूही चावला ने कहा था कि मोबाइल टावर/एंटीना से निकलने वाले EMF रेडिएशन से थकान, मेमोरी लॉस समेत कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

5G के खिलाफ कोर्ट गईं जूही

जूही चावला ने कहा, “हम टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट के खिलाफ नहीं है. बल्कि, हम टेक्नोलॉजी के लेटेस्ट प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें वायरलेस कम्युनिकेशंस के क्षेत्र भी शामिल हैं. हालांकि, बाद के उपकरणों का उपयोग करते समय, हम निरंतर दुविधा में रहते हैं, क्योंकि वायर-फ्री गैजेट्स और नेटवर्क सेल टावरों से RF रेडिएशन के संबंध में अपनी खुद की रिसर्च और स्टडी करने के बाद, हमारे पास ये मानने का पर्याप्त कारण है कि रेडिएशन लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर हानिकारक है.”

जूही चावला ने कहा कि अगर टेलीकन्युनिकेशंस इंडस्ट्री 5G लागू करने का प्लान करती है, तो कोई इंसान, कोई जानवर या धरती पर कोई भी पेड़-पौधा RF रेडिएशन से बच नहीं पाएगा, जो कि मौजूदा रेडिएशन से काफी ज्यादा खतरनाक है.

दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में चावला ने अधिकारियों को बड़े पैमाने पर जनता को प्रमाणित करने के लिए निर्देश देने की मांग की कि 5G टेक्नोलॉजी मानव जाति, पुरुष, महिला, वयस्क, बच्चे, शिशु, जानवरों और हर प्रकार के जीव-जंतुओं, वनस्पतियों और जीवों के लिए सुरक्षित है.

फरवरी 2018 में भी जूही चावला ने 5G मोबाइल टेक्नोलॉजी पर चिंता व्यक्त करते हुए तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी लिखी थी. अपने चिट्ठी में जूही ने इलेक्ट्रोमैगनेट रेडिएशन (EMF) के खतरों के बारे में बोलते हुए कहा था कि इंसानों पर इसके प्रतिकूल प्रभावों के शोध के बिना इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT