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ओशो के नाम से पहचाने जाने वाले दिवंगत संत रजनीश की सचिव रहीं मां आनंद शीला मौजूदा वक्त में भारत में हैं. फिल्ममेकर करण जौहर के साथ हुई एक बातचीत में उन्होंने रजनीशपुरम के बारे में खुलकर बात की. रजनीशपुरम अमेरिका में ग्रामीण ओरेगन प्रांत में रजनीश के अनुयायियों के लिए बसाया गया एक शहर है. इसके अलावा उन्होंने खुद से जुड़े विवादों के बारे में भी बात की, और ये भी बताया कि कैसे वो अभी भी वहां की लाइफस्टाइल और तौर-तरीकों के मुताबिक जी रही हैं.
70 वर्षीय मां आनंद शीला ने कहा, "जब मैं दो दिन पहले भारत आई थीं, तो मेरे मन में इस देश के बारे में मिली-जुली भावनाएं थीं, लेकिन अब मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि मैं एक 'सांझ की रौशनी वाली जगह' में हूं. मुझे अपने भारतीय प्रेम, विश्वास और निष्ठा का आभार है. मुझे इस खूबसूरत देश में पैदा होने पर गर्व है. मैं एनजीओ 'ह्यूमन फॉर ह्यूमैनिटी' को मुझे यहां आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं.”
उन्होंने कहा, ''उन्होंने (ओशो) जो कुछ भी कहा, उससे मुझे दुख हुआ, लेकिन यह उनकी समस्या थी, मेरी नहीं. हालांकि, मैं उनके लिए अपने प्यार को नहीं भूल सकती और इसके लिए मैं हमेशा आभारी हूं."
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे पुणे और राजस्थान के समुदायों ने सेक्सुएलिटी के बारे में बोलने में कभी संकोच नहीं किया. उन्होंने कहा, “पुणे और राजस्थान में हमारे समुदाय में सेक्सुएलिटी का कोई दुरुपयोग नहीं हुआ. दरअसल, हमने कामुकता के बारे में खुलकर बात की. जब आप किसी के प्रति आकर्षित होते हैं, तो आप उस आकर्षण को जताते हैं." उसने सभी को खुद के प्रति सच्चे होने की सलाह भी दी. मां शीला ने कहा, "मैंने भगवान रजनीश से सामुदायिक जीवनशैली को जीना सीख लिया है."
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करण जौहर ने मां आनंद शीला से रजनीश के लिए उनके बिना शर्त प्यार के बारे में भी पूछा. इसपर उन्होंने जवाब दिया, “वे भी मुझसे बेहद प्यार करते थे. आपको कुछ पुरानी तस्वीरें देखनी चाहिए और उनमें देखना चाहिए कि वे मेरी तरफ कैसे देखते थे, और किस तरह वे 'सीला' कहा करते थे.” उन्होंने रजनीश के साथ बिताई एक शाम को भी याद किया, जब उन्होंने फिल्म 'उमराव जान' देखी थी.
उन्होंने बताया, “इसमें प्रेम पर एक कविता थी. जब हमने अपना काम पूरा किया और फिर भगवान ने कहा, 'सीला, आओ यहां बैठो’. मैं उनके पास बैठी और उन्होंने मुझे उस कविता का हर शब्द समझाया. यह एक दिव्य एहसास था.”
जब करण ने उनके रिश्ते के बारे में जोर देकर पूछा, तो शीला ने तुरंत कहा कि यह शारीरिक नहीं था. उन्होंने कहा, “ओशो के साथ कोई शारीरिक संबंध नहीं था. हमारा संबंध सेक्सुअल नहीं था. अखंडता मायने रखती है क्योंकि मैं पहले से ही उनमें डूबी हुई थी.”
करण ने पूछा कि अगर रजनीश के साथ उन्हें एक आखिरी मुलाकात का मौका मिले, तो वो उनसे क्या कहेंगी? इसपर उन्होंने कहा, “मैं भगवान को बताउंगी, 'आप गलत लोगों के साथ चले गए जिन्होंने आपको नशा दिया. और आपको इसकी अनुमति नहीं देनी चाहिए थी और इसके लिए आप बहुत स्मार्ट थे...' लेकिन यह उनकी पसंद थी."
(पीटीआई, आईएएनएस और टाइम्स ऑफ इंडिया के इनपुट्स के साथ)
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