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सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में कई एंगल से जांच चल रही है. सीबीआई के अलावा ईडी और एनसीबी इस मामले की जांच कर रही है. पहले कहा जा रहा था कि सीबीआई ने सुशांत के मर्डर के एंगल से जांच करना छोड़ दिया है, लेकिन सीबीआई की तरफ से कहा गया कि अभी किसी भी एंगल से इनकार नहीं किया गया है और जांच जारी है. इसी बीच एम्स के डॉक्टरों की टीम ने सीबीआई को पोस्टमार्टम और विसरा रिपोर्ट सौंपी हैं. जिसमें कहा जा रहा है कि एम्स के डॉक्टरों ने भी माना है कि सुशांत को जहर नहीं दिया गया था.
हालांकि अभी तक इस रिपोर्ट को आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों का कहना है कि विसरा रिपोर्ट के रिजल्ट में किसी भी तरह के जहर की बात सामने नहीं आई है. एम्स के डॉक्टर सुधीर गुप्ता के नेतृत्व वाली टीम पिछले कई दिनों से इस पर काम कर रही थी.
वहीं अगर एम्स की टीम के आधिकारिक बयान की बात करें तो डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने कहा था कि, सीबीआई और एम्स के बीच सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में जरूर समझौता हुआ है, लेकिन अभी और विचार-विमर्श की जरूरत है. अभी कानूनी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए कुछ और कानूनी पहलुओं को देखना जरूरी है. बता दें कि सोमवार को एम्स की टीम ने अपनी पूरी रिपोर्ट सीबीआई को सौंपी है.
सुशांत सिंह राजपूत के पिता के वकील विकास सिंह हर बार एक नया दावा कर रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने एम्स के ही एक डॉक्टर के हवाले से बताया था कि सुशांत सिंह की मौत गला घोंटे जाने से हुई है. उन्होंने डॉक्टरों की इस टीम में शामिल एक डॉक्टर का जिक्र करते हुए दावा किया था कि सुशांत ने सुसाइड नहीं किया था, बल्कि 200 फीसदी उनका गला घोंटा गया. हालांकि टीम को हेड कर रहे डॉक्टर गुप्ता ने ऐसे किसी भी दावे से साफ इनकार कर दिया और इसे गलत बताया.
वहीं दूसरी तरफ रिया चक्रवर्ती के वकील ने एम्स की टीम पर ही सवाल खड़े कर दिए. सतीश मनेशिंदे ने कहा कि इस मामले में नए मेडिकल बोर्ड को बुलाया जाना चाहिए. रिया के वकील ने सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह के उस दावे का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा कि फोटो देखकर एम्स के डॉक्टर ने उन्हें बताया कि ये 200 फीसदी गला घोंटा गया है. रिया के वकील ने कहा कि ये काफी खतरनाक ट्रेंड है. इसीलिए सीबीआई को एक निष्पक्ष जांच के लिए एक नए मेडिकल बोर्ड का गठन करना चाहिए.
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