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‘कभी-कभी’, ‘सिलसिला’, ‘वीर-जारा’, ‘दीवार’... फैंस को ऐसी कई फिल्मों का तोहफा देने वाले यश चोपड़ा का जन्म आज ही हुआ था. बॉलीवुड में 'किंग ऑफ रोमांस’ के नाम से मशहूर यश चोपड़ा ने अपनी फिल्मों में रोमांस को ऐसा गढ़ा था, कि आने वाली पीढ़ियों के लिए ये मिसाल बन गया. रोमांस को बड़े पर्दे पर इतना बखूबी उतारने वाले यश चोपड़ा कहा करते थे, 'मैं रोमांटिक फिल्में नहीं बनाता. मैं बस इंसानी रिश्तों पर फिल्में बनाता हूं.'
यश चोपड़ा ने बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर बड़े भाई बीआर चोपड़ा के साथ अपने करियर की शुरुआत की. 1959 में उन्होंने 'धूल का फूल' का डायरेक्शन किया और फिर एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं.
उनकी फिल्मों में सभी एलिमेंट्स होते थे- प्यार, गुस्सा, मोहब्बत, बिछड़न, दुख, दर्द... और शायद इसलिए बॉलीवुड में आज ‘यश चोपड़ा स्टाइल’ शब्द एक किस्म का जॉनर बन चुका है.
हीरोइनों को शिफॉन की साड़ी पहनाकर पहाड़ों पर डांस करवाना भी सिर्फ उन्हें ही आता था. उन्हें स्विट्जरलैंड से इतना प्यार था कि उनकी हर फिल्म में एक गाना ऐसा जरूर होता था जिसमें हीरो-हीरोइन पहाड़ों पर डांसर रहे हों.
यश चोपड़ा की फिल्मों को याद किया जाए और उसकी शुरुआथ 'सिलसिला' से न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. 1981 में आई अमिताभ बच्च, जया बच्चन और रेखा इस ट्राएंगल लव स्टोरी में कुछ असली इमोशन भी नजर आ रहे थे. 'सिलसिला' में अमिताभ और रेखा की केमिस्टि्री और फिल्म के गाने, आज भी लोगों को भुलाए नहीं भूलते.
रोमांस के दो किंग- शाहरुख और यश चोपड़ा जब अपनी पहली रोमांटिक फिल्म के लिए साथ आए तो मैजिक तो पक्का था. शाहरुख, करिश्मा कपूर और माधुरी दीक्षित की ये म्यूजिकल रोमांटिक फिल्म आज भी तीनों के करियर की बेस्ट फिल्मों में शुमार है. 1997 में आई इस फिल्म में माधुरी के सिंपल लुक को काफी पसंद किया गया था, लेकिन कहा जाता है कि यश चोपड़ा ने माधुरी के लिए डिजाइन की गईं 54 ड्रेस रिजेक्ट करने के बाद इसे चुना था.
'लम्हें' अपने वक्त से आगे की फिल्म थी. फिल्म में अनिल कपूर ने एक ऐसे शख्स का रोल निभाया था, जिसे एक लड़की की मौत के बाद उसकी बेटी से प्यार हो जाता है. मां और बेटी दोनों का रोल श्रीदेवी ने निभाया था. 1991 में आई ये फिल्म आज क्लासिक में शामिल है.
भारत के स्कार्डन लीडर और पाकिस्तान के एक ऊंचे खानदान की लड़की के बीच मोहब्बत को यश चोपड़ा ने बड़ी ही शानदार तरीके से दिखाया था. शाहरुख खान, प्रीति जिंटा और रानी मुखर्जी की एक्टिंग के साथ-साथ फिल्म के गाने भी खूब पसंद किए गए थे. 2004 में आई इस फिल्म का नाम पहले यश चोपड़ा 'ये कहां आ गए हम' रखने वाले थे, लेकिन बाद में उन्होंने इसे बदलकर 'वीर-जारा' कर दिया.
श्रीदेवी, ऋषि कपूर और विनोद खन्ना स्टारर ये फिल्म भी यश चोपड़ा की रोमांटिक फिल्मों की लिस्ट में एक शानदार नाम है. कई फिल्मों के असफल होने के बाद 'चांदनी' से ही उन्हें वापस सक्सेस मिली थी. फिल्म 1989 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में शामिल थी.
रोमांस के बादशाह कहे जाने वाले यश चोपड़ा की कुछ दूसरी फिल्में भी पसंद की गईं, जिसमें मल्टीस्टारर वक्त (1965), सस्पेंस थ्रिलर इत्तिफाक (1969), एक्शन पैक्ड दीवार (1975) और साइको थ्रिलर 'डर' (1993) भी शामिल हैं. उनकी कई फिल्मों ने नेशनल अवॉर्ड भी जीते. साल 2005 में सिनेमा में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से नवाजा था.
इस देश के सबसे कामयाब निर्देशकों में से एक यश चोपड़ा भले इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन अपनी फिल्मों के जरिए वो हमेशा अपने फैंस के दिलों में जिंदा रहेंगे.
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