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‘ठाकरे’, ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’, ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ और अब जल्द आने वाली ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ ! ऐसा लग रहा है कि आज कल प्रोपगेंडा फिल्मों का चलन निकल पड़ा है. तो चलिए ऐसी फिल्मों की बात करते हैं जिन्होंने सच्चाई दिखाने की हिम्मत की. ऐसी फिल्में जो न केवल शानदार आर्ट का नमूना हैं, बल्कि जो एक मैसेज भी देती हैं.
कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जिन्हें खत्म होते ही आप भूल जाते हैं, और कुछ ऐसी भी होती हैं जो हमेशा के लिए आपके साथ रह जाती हैं. आप कैसे सोचते हैं, आसपास कैसे देखते हैं, ऐसी फिल्में ये सभी बदल देती हैं.
आखिर ये फिल्में सबसे अहम होती हैं. ऐसी ही कुछ फिल्में, जो आपको मिस नहीं करनी चाहिए-
मसान एक ऐसी फिल्म है जो आपके हिला कर रख देगी. ये आपको असहज करती है, आंखें खोलने और अपने आसपास की दुनिया की वास्तविकता को देखने के लिए मजबूर करती है. दो जवां लोग प्यार में पड़ते हैं, सिंपल होना चाहिए ना? एक महिला जो अपनी इच्छाओं को एक्सप्लोर करना चाहती है, उसे इसकी इजाजत होनी चाहिए ना? मसान ऐसे समाज की याद दिलाता है, जिसका हम सिर्फ एक हिस्सा नहीं बने हैं, बल्कि जिसे हमने खुद बनाया है. एक ऐसा समाज जिसे अब बदलने की सख्त जरूरत है.
पिंक वो फिल्म है जिसे इस देश की सबसे ज्यादा जरुरत है. ऐसे देश में जहां रोजाना रेप और सेक्सुअल हैरेसमेंट की खबरें सुर्खियां बनती हों, वहां पिंक ने सवाल पूछने की हिम्मत की थी. ये फिल्म हमें याद दिलाती है कि हर लड़की आजादी की हकदार है. ये इस बार में नहीं है कि कौन कैसे जी रहा है, क्या पहन रहा है, किससे मिल रहा है. ये इस बारे में है कि सभी को एक-दूसरे से इज्जत के साथ पेश आना चाहिए.
एक एलियन धरती पर आता है और तुरंत उसका सामान और यहां तक की कपड़े भी, चोरी हो जाते हैं. इसके बाद फिल्म में जिंदगी के अलग-अलग पहलुओं के जरिए उसकी यात्रा दिखाई गई है. पीके एक ऐसी फिल्म है, जो लॉजिक के साथ हमारी दुनिया की खामियों को बताती है, कि कैसे धर्म लॉजिक पर हावी होता है और कैसे हमें अपने बारे में सोचना शुरू करना चाहिए.
शाहरुख खान के करियर की सबसे बेहतरीन फिल्मों में शुमार स्वदेस सच्चाई के काफी करीब है. फिल्म में सभी की एक्टिंग, डायरेक्शन और सिनेमैटोग्राफी काफी शानदार है. ये फिल्म आपको अपनी मिट्टी के करीब ले जाएगी. स्वेदस का म्यूजिक फिल्म की खूबसूरती और बढ़ाता है.
मुल्क देश में इस समय चल रहे हालातों पर चोट करती है. मुस्लिमों के प्रति बढ़ती हिंसा और समाज के रवैये को दिखाती ये फिल्म हर किसी को जरूर देखनी चाहिए. फिल्म में बहुत ही बखूबी से दिखाया गया है कि कैसे मुस्लिमों को बेवजह निशाना बनाया जाता है, कैसे उनसे हर बार देशभक्त होने का सबूत मांगा जाता है.
पीपली लाइव आम आदमी की दुर्दशा को दिखाती है. दो किसान, जिनकी जिंदगी एक मजाक बन गई है. दोनों किसान गरीबी से जूझ रहे हैं, इसलिए उनमें से एक मुआवजे के लिए आत्महत्या कर लेता है. खबर फैलने और मीडिया के आते ही ये बड़ी बात बन जाती है. पीपली लाइव बताती है कि जिंदगी की हमारे यहां कितनी कम कीमत है.
एक विडो, एक औरत जिसे बच्चा नहीं हो सकता और एक सेक्स वर्कर. इस फिल्म में ये तीनों महिलाएं अपनी आजादी के लिए पितृसत्तात्मक समाज के खिलाफ लड़ाई लड़ती हैं. भारत में महिलाओं के बारे में कई मुद्दों की को फिल्म में दिखाया गया है.
ये एक ऐसी फिल्म है जो आपको गुस्से से भर देगी. कुछ जवां महिलाएं , जो मस्ती कर रही हैं, अपनी जिंदगी जीने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन क्या ये कभी इतना आसान हुआ है? नहीं!
महिलाओं के बिना ये दुनिया कैसी होगी? ये फिल्म दिखाती है कि कैसे एक तरफ दुनिया में महिलाएं पूजी जाती हैं, तो दूसरी तरफ उन्हें सिर्फ वासना की वस्तू समझा जाता है. ये फिल्म कमजोर दिल वाले लोगों के लिए नहीं है. मातृभूमी ऐसी फिल्म है जो आपको अंदर तक झकझोर देगी.
खुले में शौच के खिलाफ लड़ाई, बेहतर जीवन के लिए लड़ाई, गरिमा की लड़ाई. हल्का एक ऐसी फिल्म है जो आपको बुनियादी सुविधाओं के लिए लड़ते एक बच्चे की इच्छाशक्ति दिखाती है. ये फिल्म शायद एंटरटेनिंग न हो, लेकिन ये सच है. वो सच कि हमारे देश में हजारों लोग आज भी प्राइवेसी जैसी बुनियादी चीज के लिए लड़ रहे हैं.
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