<i>दिलवाले पूरी फिल्म ही बेतुकी और घिसी- पीटी है</i>: पर्दे पर आपको जो चमकदार और दमदार दिख रहा है वो सिर्फ लाइट कैमरा और एक्शन का कमाल है. इस बकवास फिल्म में देखने लायक सिर्फ शाहरुख हैं (काजोल भी कहीं कहीं जानदार लगीं हैं लेेकिन जब वो चाहती हैं), लेकिन ये जो कार को रिडिजाइन करने वाला राज और गैंगस्टर काली है ये जाने- पहचाने और काफी मजेदार हैं. जब ढलती उम्र के स्टार शाहरुख और काजोल एक दूसरे की आंखों में झांकते हैं, जो जादू तो है लेकिन उतना नहीं. लंबे शॉट में तो कतई नहीं.
<b><i>शुभ्रा गुप्ता (Indianexpress.com)</i></b>
रोमांस से एक्शन और फिर कॉमेडी वो भी उछलते कूदते कारों के बीच रोहित शेट्टी की खासियत है. दिलवाले एक ऐसी फिल्म है जो अपना रास्ता खो चुकी है. शेट्टी को कॉमेडी और एक्शन में महारत हासिल है लेकिन ड्रामा और रोमांस उनके बस की बात नहीं. शाहरुख- काजोल की जोड़ी ये साबित करती है कि पर्दे पर आग लगाने के लिए ये जोड़ी काफी है, और उनकी जोड़ी वरुण धवन और कृति सेनन से भी ज्यादा विस्फोटक है, लेकिन उनका रोमांस थका हुआ और बेजान है. फिल्म जबतक गोलमाल जोन में रहती है अच्छी लगती है, और फरहान- साजिद के व्हाट्स ऐप स्तर के जोक्स आपको गहरी नींद में जाने से रोकते रहेंगे.
<b><i>नंदिनी रामनाथ (Scroll.in)</i></b>
अब इसे पुराने दिनों की यादें कहें, या फिर केमिस्ट्री, दिलवाले तबतक ठीक है जबतक शाहरुख-काजोल पर्दे पर हैं. जान तो बस इस लीड जोड़ी में है. और जिस फिल्म में वो फंसे हैं उसकी तो आत्मा ही नहीं है. आसान शब्दों में दिलवाले एक अजीब रोमांटिक फिल्म है. शाहरुख ने अपने हिस्से की अजीबो-गरीब रोमांटिक फिल्में पहले ही कर ली हैं, लेकिन ये फिल्म शाहरुख की कड़ी मेहनत के बावजूद क्लिक नहीं करती. दिलवाले में प्यार से ज्यादा नफरत और धोखेबाजी है. और इसे कॉमेडी या जवानी के रोमांस वाले फंडे से बचाया नहीं जा सकता. काजोल के लिए ये फिल्म देख सकते हैं और शाहरुख के लिए भी. बाकी सब बस कार की सवारी कर रहे हैं.
<b><i>सैबल चैटर्जी (Movies.ndtv.com)</i></b>
बजट और पहुंच. रोहित शेट्टी का यही फॉर्मूला है, और दिलवाले में ये साफ झलकता है, हिंदी सिनेमा की सबसे हिट जोड़ी इस फिल्म में है और यकीन मानिए उनके साथ न्याय नहीं हुआ है. केमिस्ट्री में बस कुछ स्पार्क है जबकि यहां तो इसी जोड़ी की केमिस्ट्री पर पूरी फिल्म चलनी चाहिए थी. काजोल बेहद खूबसूरत लगी हैं लेकिन दिलवाले एक बेकार फिल्म है.
<b><i>राजा सेन (Rediff.com)</i></b>
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