advertisement
कहा जाता है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है. बॉलीवुड के नजरिए से देखें तो समझ आएगा कि और कुछ हो ना हो, सुपरहिट म्यूजिक अपने आप को जरूर दोहराते हैं. या कहा जाए कि फिल्मकार उन गानों को दोबारा अपनी फिल्मों को हिट बनाने की कोशिश करते हैं.
पिछले कुछ महीनों में रिलीज हुई हिंदी फिल्मों की लिस्ट देख लीजिए. बहुत सारी फिल्में आईं जिनमें गुजरे जमाने के सुपरहिट गीतों को नया म्सुजिक देकर नए तरिके से पेश किया गया. ये अलग बात है कि उनमें से कई एक्सपेरिमेंट हिट रहे जैसे की बद्रीनाथ की दुल्हनिया. तो कुछ फ्लॉप जैसे की शाहरुख खान की रईस, ऋतिक रोशन की काबिल, श्रद्धा कपूर की ओके जानू. लिस्ट काफी लंबी है लेकिन गाने तो चल ही गए. तो चलिए एक एक कर शुरू करते हैं.
शाहरुख की रईस में सनी लियोन पर फिल्माया गाना 'लैला मैं लैला' देखने को मिला. वैसे से ये गाना 1980 में आई फिल्म 'कुर्बानी' का है जिसे जीनत अमान पर फिल्माया गया था. 'रईस' में इस गाने की धुन में थोड़ा-बहुत फेर-बदल कर पेश किया गया और पुराने गाने की तरह 'रईस' की लैला को भी लोगों ने पसंद किया.
शाहरुख की ही एक और मूवी डियर जिंदगी में कमल हासन की मशहूर मूवी सदमा का ‘ऐ जिंदगी गले लगा ले’ को नए अंदाज में पेश किया गया. 1983 की सदमा में इस गीत को सुरेश वाडेकर ने अपनी आवाज दी थी.
शाहरुख की रईस के मुकाबले खड़ी होने वाली ऋतिक की काबिल भी पुरानी शराब को नई बोतल में पेश करने में पीछे नहीं रही. 1981 की सुपरहिट फिल्म याराना के गीत 'ये सारा जमाना हसीनों का दीवाना' पर 'काबिल' में उर्वशी रौतेला थिरकती नजर आईं. जबकि पूराने गाने पर अमिताभ बच्चन ठुमके लगा रहे थे.
कुछ हफ्ते पहले आई फिल्म 'ओके जानू' में 1995 की फिल्म 'बॉम्बे' का ब्लॉकबस्टर गाना 'हम्मा हम्मा' का नया रूप देखने को मिला. लेकिन इस बात में कोई शक नहीं था कि हम्मा हम्मा का रिमेक वो जादू पैदा नहीं कर सका, जो ओरिजिनल गाने में था.
लेकिन सबसे फ्लॉप एक्सरसाइज रही सोनाक्षी सिन्हा की फोर्स 2 में, जिसमें उन्होंने मिस्टर इंडिया में श्रीदेवी के मशहूर गीत ‘काटे नहीं कटते’ का रिमेक पेश तो किया, लेकिन इसकी कोई खास चर्चा नहीं हुई.
लेकिन रिमेक की बात इन्हीं चार फिल्मों पर नहीं रुकती. आने वाली कई फिल्मों में भी रिमेक का ट्रेंड बदस्तूर दिखने वाला है. फिर चाहे वो बद्रीनाथ की दुल्हनिया हो या अब्बास-मस्तान की मशीन. वरुण धवन और आलिया भट्ट की आने वाली फिल्म 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' का गाना 'तम्मा तम्मा' फिल्म 'थानेदार' से लिया गया है. नई धुन में इस गाने पर वरुण-आलिया थिरक रहे हैं, जबकि पुराना गाना माधुरी दीक्षित और संजय दत्त पर फिल्माया गया था.
इसी फिल्म में राज कपूर की मशहूर फिल्म ‘तीसरी कसम’ का पॉपुलर गीत ‘पिंजड़े वाली मुनिया’ का रिमिक्स वर्जन भी है. जबकि अब्बास-मस्तान की आने वाली फिल्म मशीन में दिखेगा अक्षय-रवीना की 1994 की फिल्म मोहरा का सुपरहिट गीत ‘तू चीज बड़ी है मस्त’.
ज्यादातर फिल्मों में जो गाने रिमेक किए जा रहे हैं, वो अस्सी या नब्बे के दशक के सुपरहिट गाने रहे हैं. इस ट्रेंड के एकाएक जोर पकड़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह है कि फिल्मकार अपनी फिल्मों को शुरुआत से ही चर्चा में लाना चाहते हैं. लेकिन ये फिल्म को हिट बनाने का फॉर्मूला हो, ऐसा नहीं लगता. जिन फिल्मों का हमने जिक्र किया, उनमें सभी फिल्मों को दर्शकों का अच्छा रेस्पॉन्स नहीं मिला, भले ही उनके रिमेक गाने थोड़े चल गए.
रईस और काबिल बड़े सुपरस्टार्स के साथ और जबर्दस्त प्रोमोशन के बावजूद वैसा बिजनेस नहीं कर सकीं, जैसी उन्हें उम्मीद थी. ओके जानू तो औंधे मुंह गिर गई. (देखें ग्राफिक्स) जबकि इनके मुकाबले दंगल और जॉली एलएलबी जैसी फिल्मों का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा, जिनमें कोई रिमेक गाना नहीं था.
यही नहीं, तुम बिन-2 और रॉक ऑन-2 जैसी फिल्में भी बनीं, जो इसी नाम की पुरानी फिल्मों के सीक्वल थीं और उनमें पहली फिल्म के सुपरहिट गीत भी डाले गए, लेकिन वो पहले जैसा जादू पैदा करने में नाकाम रहे. खुद कई संगीतकार, गीतकार और गायक पुराने गानों को नई धुन में पिरोए जाने के खिलाफ हैं, क्योंकि इससे ये दिखता है कि नए कलाकारों में टैलेंट और नई सोच की कमी है. हर दौर के गानों की अपनी खूबियां होती हैं, लेकिन वो तभी सामने आ सकती हैं जब वो मौलिक हों. नकल के सहारे अपने काम को हिट कराने का फॉर्मूला ज्यादा देर तक चल भी नहीं सकता. क्योंकि फिल्मों के दर्शक घिसे-पिटे फॉर्मूले या बॉलीवुड की भेड़चाल से काफी जल्दी बोर हो जाते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)