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ABBA का एक मशहूर गाना है “Money, money, money' must be funny in the rich man's world. ठीक उसी तरह फर्जी में सनी (शाहिद कपूर) और उसका बेस्ट फ्रेंड फिरोज (भुवन अरोड़ा) एक ऐसी दुनिया में जीने की कोशिश करते हैं, जहां ये कहा जाता है कि पैसे से दुनिया की हर चीज नहीं खरीदी जा सकती, ये कहावत कितनी मूर्खतापूर्ण हैं.
सनी और फिरोज नानू की चौकस निगरानी में रहते हैं, जो रोल अमोल पालेकर ने शानदार अभिनय के साथ निभाया है, वो उनके केयरटेकर और एडुकेटर हैं.
सनी एक स्किल्ड आर्टिस्ट हैं, जो Van Gogh की कलाकृतियों की प्रतियों को मंथन करने में सक्षम है और वहीं फिरोज छपाई में उस्ताद है. इन कौशल से लैश होकर दोनों फेक करेंसी बनाने का धंधा शुरू करते हैं.
पहले उनका प्रिंटिंग प्रेस क्रांति सिस्टम के खिलाफ काम करता था, जिसका उद्देश्य पैसे कमाना नहीं था, लेकिन जल्द ही वे अपराध की गंदी दुनिया में घसीटे जाते हैं. शो में कभी भी यह दावा नहीं किया गया है कि सनी की असहमति नैतिक या सही है, इसमें अपराध का महिमामंडन नहीं किया गया है, वो बस है.
शाहिद कपूर ने सनी के रूप में बेहतरीन काम किया है, क्राइम और करप्शन की दुनिया में उनकी एंट्री को खूबसूरती से दर्शाया गया है. उनके साथ कदम से कदम मिलाते हुए अरोड़ा हैं, जो सनी की जिंदगी और शो में खास भूमिका निभाते हैं. फर्जी में अरोड़ा की कॉमिक टाइमिंग और हाजिरजवाबी को दिखाने का पूरा मौका दिया गया है.
सनी और फिरोज और अपने प्रिंटिंग प्रेस में फेक नोट बनाते हैं और जल्द ही वो नकली नोट के गोरखधंधे के किंगपिन मंसूर दलाल के चंगुल में फंस जाते हैं. मंसूर अली (Kay Kay Menon) बॉर्डर पर अपना गोरखधंधा चलाता है.
फर्जी का हर एपिसोड लगभग एक घंटे का है, पहले कुछ एपिसोड में कहानी थोड़ी भटकती है, लेकिन आगे यह शो फिर ट्रैक पर आ जाता है.
सनी, मंसूर माइकल के साथ चूहे-बिल्ली की खेल में फंस गया है और फिर उसके साथ सांप-नेवले की बराबरी करता है. के के मेनन मंसूर के किरदार में धूर्तता को बखूबी तरीके के दर्शाते हैं.
इसी टास्क फोर्स में आरबीआई कर्मचारी होती है मेघा व्यास, जो सिर्फ छूकर नकली नोट्स को पहचान लेती है. मेघा ने एक चिप बनाया है, जिससे मशीन जाली नोटों को पहचान सकती है,
विजय सेतुपति की परफॉमेंस पहले से ज्यादा जोरदार रही है और हमेशा की तरह उन्होंने अपने इस ओटीटी डेब्यू में भी शानदार काम किया है. उन्होंने अपनी अदाकारी से ना सिर्फ पुलिस ऑफिसर के किरदार को बखूफी निभाया है, बल्कि साथ में अपनी पत्नी रेगिना के साथ बिगड़ती हुई शादीशुदा जिंदगी को भी बेहतरीन तरीके से दर्शाया है.
कैमरा और एडिटिंग टीम का काम बेहद सराहनीय है. जिन्होंने एक अनोखे तरीके से वेब सीरीज में लालच, शोहरत और ताकत को दिखाया है.
लेखक सीता आर मेनन और सुमन कुमार के साथ मिलकर राज और डीके थ्रिलर फिमेल किरदार को दर्शाने में माहिर हैं, जो कि उन्होंने फर्जी में बखूबी दिखाया है.
फर्जी में हर किरदार की खास अहमियत है और इसलिए इसमें हरेक एक्टर अपने काम के लिए चर्चा में है. द फेमिली मैन की तरह फर्जी के डायरेक्टर ने साबित कर दिया है कि थ्रिलर कॉमेडी पर उनकी पकड़ मजबूत है. फर्जी में सारे रोमांचक ट्विस्ट और टर्न्स हैं, जो पूरे समय आडियंस को अपनी तरफ सम्मोहित करके रखता है.
क्या फर्जी एक धमाकेदार एक्सपीरियंस होगा? अगर आपके दिमाग में ये सवाल है कि क्या ये थ्रिलर देखने लायक है तो इसका जवाब है- हां.
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