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तमाम कॉन्ट्रोवर्सी के बाद आखिरकार सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी को उनके पद से हटा दिया गया.शुक्रवार को पहलाज निहलानी की जगह गीतकार और कवि प्रसून जोशी को सेंसर बोर्ड का चीफ बना दिया.जाहिर है ऐसे में ट्विटर पर खुशियां मनाई जा रही हैं. एक यूजर ने तो ट्वीट कर के कहा है कि शुक्र है फिल्म में अब किसी सेक्स सीन पर फूलों को आपस में मिलने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
चलिए जब तक ट्विटर पर अपनी-अपनी क्रिएटिविटी के जरिए लोग खुशियां मना रहे हैं हम पहलाज निहलानी के अंदाज की कुछ तस्वीरों पर नजर डालते हैं.
फिल्म 'उड़ता पंजाब' में निहलानी ने डायलॉग्स, सीन और कुछ शब्दों को हटाते हुए कुल 80 कट लगाए थे. सेंसर बोर्ड ने फिल्म मेकर्स से पंजाब का रेफरेंस भी हटाने के लिए कहा था.
समलैंगिक संबंधों पर बनने वाली इस फिल्म को निहलानी साहब ने भारत में बैन कर दिया था.
जेम्स बॉन्ड भी इस संस्कारी सभ्यता के शिकार हुए थे. भारत में रिलीज होने से पहले उनकी फिल्म स्पेक्टर में से एक किसिंग सीन को काट दिया गया था.
सभी न्यूड सीन्स को हटाने के बावजूद इस फिल्म को भारत में बैन कर दिया गया था.
अब, ये फिल्म लिस्ट में थोड़ी अलग है. आपको लगता होगा कि इस फिल्म पर भी बैन लगा दिया होगा, लेकिन ऐसा नहीं था. जब ट्रेलरों को लॉन्च किया गया, तो निहालानी की संस्कारी सभ्यता पर कई सवाल उठाए गए थे.
अलंक्रिता श्रीवास्तव की इस फिल्म को सर्टिफिकेशन नहीं दिया गया क्योंकि निहलानी को लगा ये बहुत ही लेडी ओरिएंटेड फिल्म है.
सीबीएफसी ने इस फिल्म में सिर्फ दो सीन काटने के सुझाव दिए - एक सीन जिसमें ब्रा दिखाई गई, और दूसरा जिसमें सविता भाभी के संदर्भ में कोई बात की गई.
इस फिल्म को निहलानी ने महज इसलिए U/A सर्टीफिकेट दे डाला क्योंकि उन्हें लगता था कि समलैंगिकता पर बनने वाली फिल्म बच्चों के लिए सही नहीं है.
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