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मोगैंबो प्रसन्न हुआ...कैसी होतीं बाॅलीवुड की फिल्में उर्दू के बिना

अगर बाॅलीवुड की फिल्मों से उर्दू का तड़का हटाकर उसमें संस्कृत के संस्कार भर दिए, तो नजारा कुछ ऐसा होगा.

ऐशा पॉल
एंटरटेनमेंट
Updated:
खामोश नही “शांत” कहो
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खामोश नही “शांत” कहो
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क्या आपको 70 और 80 के दशक की फिल्मों के क्रेडिट याद है? हर फिल्म का टाइटल तब तक अनाउंस नहीं कियाा जाता था जब तक कि वो उर्दू में भी सिल्वर स्क्रीन पर दिखाई न दे जाए. भले ही सरकार संस्कृत भाषा को हमारे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने पर जोर दे रही हो लेकिन ये प्रयास उर्दू के लिए भी किए जाने की जरूरत है.

एक अमेरिकी रैपर के शब्दों में कहें तो, “आपके पास क्या है इस बात का पता आपको तब तक नहीं चलता जब तक वो चला न जाए.”

कहीं ये चीज उर्दू के साथ भी न हो जाए.

यहां बाॅलीवुड की कुछ मशहूर फिल्मों के नाम और संवाद को बिना उर्दू के लिखा गया है. देखिए और सोचिए कि उर्दू के बिना हम क्या कुछ मिस करेंगेः

सनी देयोल की प्रतिशोध की ज्वाला कुछ इस तरह से धधकती. 
जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा को शुद्ध हिंदी का डंडा कुछ इस अंदाज में पड़ता.
आमतौर पर मैं खुश नहीं होता लेकिन जब होता हूं तो वो उर्दू में ज्यादा अच्छा लगता है. 
क्या हम इसे केकेपीकेकेयू कहते?
ऐसा नहीं लग रहा कि गब्बर किसी प्रोक्टोलोजिस्ट की तरह बोल रहा है. ऐसा ही होता तो शोले भी ज्वाला होती.
ये है प्रेम, ये है जीवन...
#मौसिकीमिसिंग
गब्बर से धर्मेंद्र कुछ ऐसे कहता, “कुत्ते, मैं तेरा रक्त पी जाउंगा”

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Published: 03 Nov 2015,11:57 AM IST

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