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आखिर कंगना रनौत की फिल्म सिमरन रिलीज हो गई, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का प्रदर्शन उम्मीद के उलट रहा. हालांकि कंगना की एक्टिंग की तारीफ तो हो रही है, लेकिन कमाई के लिहाज से देखें तो फिल्म ने 4 दिन में मुश्किल से 12 करोड़ की कमाई की है.
सिमरन की रिलीज से पहले टीवी, अखबार और सोशल मीडिया हर जगह कंगना छाई रहीं. एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने अपनी निजी जिंदगी के कई राज खोलकर रख दिए. कंगना के उस विवादित इंटरव्यू के बाद उनपर आरोप भी लगे कि कंगना अपनी फिल्म को हिट कराने के लिए जान बूझकर ऐसा कर रही हैं. खैर जो भी हो, लेकिन कंगना की फिल्म को उस विवाद से कोई फायदा मिलता तो नहीं दिख रहा. क्या कंगना का बड़बोलापन उनके करियर के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. क्विंट हिंदी ने मशहूर फिल्म पत्रकार अजय ब्रह्मात्मज से खास बातचीत की.
अजय ब्रह्मात्मज का कहना है इंडियन फिल्म इंडस्ट्री दबी ढकी हुई थी, लेकिन कंगना जिस तरह से जमाने के सामने फिल्म इंडस्ट्री के बारे में बोल रही हैं, वो उनके लिए कतई सही नहीं हैं. फिल्में तो आती जाती रहती हैं, उससे किसी की सेहत पर इतना फर्क नहीं पड़ता, लेकिन अपने व्यक्तित्व का जरूर फर्क पड़ता है. कंगना की कई फिल्में इतनी घटिया हैं कि लोग उनका नाम तक नहीं जानते. फिर भी कंगना आज इस मुकाम पर हैं. बतौर एक्ट्रेस तो वो फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाकर रख सकती हैं, लेकिन उनके व्यवहार की वजह से इंडस्ट्री के कई लोग उनको साइडलाइन कर रहे हैं.
अजय के मुताबिक कंगना का खुद का व्यक्तित्व उनके लिए खतरा बनता जा है. एक एक्ट्रेस के तौर पर उन्होंने खुद को साबित किया है, उन्हें 3 बार नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है. उनकी अदाकारी की उनके विरोधी भी तारीफ करते हैं, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में एक पुरानी कहावत है कि आप एक्टर उन्नीस-बीस हों तो चलेगा, लेकिन आदमी हमेशा बीस होना पड़ेगा.
इस सवाल के जवाब में अजय कहते हैं कि फिल्मों का चलना उससे जुड़े विवाद पर निर्भर नहीं करता. विवाद से आपको कुछ दिनों के लिए चर्चा जरूर मिल जाती है, लेकिन दर्शक फिल्में देखने आएंगे इसकी गारंटी नहीं होती. कंगना का सारा इवेंट बस एंटरटेनमेंट के लिए था. फिल्म देखने जाने का फैसला बिल्कुल अलग होता है. कंगना ने जो बातें कहीं वो कई महिलाओं की दबी हुई आवाज है. लेकिन जिन लोगों ने कंगना का सपोर्ट किया वही फिल्म देखने नहीं गए.
इस सवाल के जवाब में अजय कहते हैं इस तरह का स्टेटमेंट उनका बड़बोलापन है. शुरू में ही उनको खान्स के साथ काम करने का मौका नहीं मिला, लेकिन आज उन्होंने अपना ऐसा मुकाम बना लिया है कि उनको अब किसी बड़े स्टार की जरूरत नहीं है. लेकिन सिमरन और क्वीन जैसी कहानी हर बार तो नहीं बन सकती है ना? फिल्म में को- एक्टर तो होता ही है और फिल्म का प्रोड्यूसर तो यही चाहेगा कि उसकी फिल्म में बड़ा स्टार हो.
कंगना ने अपने करियर में कई ऐसे फिल्में की, जो अकेले उनकी अदाकारी के दम पर हिट हुईं. लेकिन कहते हैं ना फिल्म इंडस्ट्री में अपना मुकाम बनाना तो मुश्किल होता है, लेकिन उससे भी ज्यादा मुश्किल होता है, उस मुकाम पर पहुंचने के बाद भी खुद को संभालकर रखना. क्या कामयाब कंगना बॉलीवुड की क्वीन का ताज बचा पाएगीं?
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