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इस हफ्ते जैकी चैन की फिल्म 'कुंग फू योगा' रिलीज हो गई है. इंडियन और चीनी एक्टर की कॉमेडी और इमोशन का कुछ मिला-जुला सा रूप है.
इंडिया और चीन के को-प्रोडक्शन में बनी इस फिल्म के डायरेक्टर स्टेनली टोंग हैं. इनकी इस फिल्म को देखने के बाद मैं ये सोचने पर मजबूर हो गई हूं, कि फिल्म बनाने का कॉन्सेप्ट तो ठीक ही था, फिर भी फिल्म में सब कुछ ताश के पत्तों की तरह बिखरा हुआ सा क्यों लग रहा था.
इस फिल्म में जैकी चैन एक आर्कियोलॉजिस्ट का रोल प्ले कर रहे हैं. जैकी चीन के रहने वाले एक कुंग फू एक्सपर्ट हैं, और साथ में उन्हें आर्कियोलॉजी यानी पुरातात्विक चीजों में भी काफी दिलचस्पी है.
फिल्म में जैकी एक भारतीय प्रोफेसर दिशा पटानी और उनकी असिस्टेंट कायरा (अमायरा दस्तूर) के साथ मिलकर एक टीम बनाते हैं. जो मगध राजवंश के खजाने की खोज कर रहे हैं.
हम सभी के फेवरेट मार्शल आर्ट एक्सपर्ट जैकी चैन को ऐसे रोल में देखना थोड़ा अटपटा था, जिसमें उनकी सांस फूल रही हो, जैकी की सुपर-डुपर फिल्म देखने के बाद इस फिल्म को देखना थोड़ा निराशाजनक था.
इस फिल्म में सोनू सूद ने एक चोर का किरदार निभाया हैं, जिसमें उनकी एक्टिंग में कुछ खास देखने को नहीं मिला. यहां तक कि मैं तो सोनू की एक्टिंग देखने के बाद यह चाहती हूं कि इस पर तो उच्च स्तरीय जांच बैठा देनी चाहिए. फिल्म की हिरोईन दिशा पटानी और अमायरा दस्तूर मगध साम्राज्य के युद्ध की भूलभुलैया खोजते हुए नजर आ रहीं हैं.
जैकी की सभी फिल्में बेहतरीन होतीं हैं, और उन्हें देखने का अपना ही अलग मजा होता है. हालांकि 'कुंग फू योगा' में आपको ऐसा कुछ देखने को नहीं मिलेगा, सिवाए एक दुबई में फिल्माए एक शेर वाले सीन के.
अगर आप जैकी के बहुत बड़े फैन हैं, तो मैं आपके सलाह दूंगी कि थिएटर में पैसे बर्बाद करने से बेहतर है, कि आप ये फिल्म यूट्यूब पर ही देख ले . मैंने इस फिल्म का हिंदी वर्जन देखा था, हो सकता है, इंग्लिश इससे बहतर हो.
मैं इस फिल्म को दूंगी पांच में से 1 क्विंट
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