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जम्मू-कश्मीर के उरी में आर्मी कैंप पर आतंकियों ने हमला किया, जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने पीओके में घुसकर सर्जिकल ऑपरेशन को अंजाम दिया. आर्मी ने इस ऑपरेशन में दर्जनों आतंकियों को ढेर करने का दावा किया. इस सबके बाद सरहद पार से होने वाली घुसपैठ की कोशिशें और उन्हें रोकने के लिए सैन्य कार्रवाई की खबरें सुर्खियों में छाई रहती हैं.
टीवी और अखबार के साथ-साथ इंटरनेट पर माहौल इस तरह बनाया जा रहा है मानो अब जंग होकर रहेगी. लेकिन इस माहौल में मोहब्बत की बात अगर कोई कर रहा है तो वह है भोजपुरी सिनेमा.
पाकिस्तान में बॉलीवुड की कई फिल्मों को बैन कर दिया गया है लेकिन देश के बनारस शहर में भोजपुरी सिनेमा में पाकिस्तान का प्यार जमकर चल रहा है.
भारत-पाकिस्तान में तनाव के बावजूद भी दर्शकों का मोहब्बत पर यकीन बना हुआ है और ये सही भी है क्योंकि इश्क जाति, धर्म-मजहब और सरहद की दीवार नहीं देखता.
भोजपुरी फिल्मों में सरहद पार से पनपी मोहब्बत की कहानी कोई नई नहीं है. इससे पहले भी 'पटना टू पाकिस्तान’, 'चाही दुल्हनिया पाकिस्तान से', भोजपुरी 'गदर' ने भी भोजपुरी दर्शकों को खासा लुभाया था.
सिनेमा हॉल संचालक बताते हैं कि इस तरह की फिल्में प्रेम कहानी पर आधारित होने के अलावा मारधाड़ और देशभक्ति से लबरेज रहती हैं. इसीलिए भोजपुरी सिनेमा से पाकिस्तान का नाम जुड़ जाने के बाद ये दर्शकों को आकर्षित करती है.
मौजूदा हालातों में भारत-पाक के बीच तनाव भी दर्शकों को इस फिल्म की ओर खींचने के पीछे एक बड़ी वजह माना जा रहा है.
इस वक्त "कसम बा यूपी बिहार के, ली आइब दुलहनिया पाकिस्तान से" देखने वाले दर्शकों के अंदर जो पाकिस्तान को लेकर गुस्सा और एक आक्रोश है, वो भी इस फिल्म के माध्यम से देखकर निकाल रहे हैं.
इससे पहले बिहार के पटना में नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान बम बलास्ट की घटना को भोजपुरी निर्माताओं ने पाकिस्तानी फॉर्मूले मे फिट किया और "पटना टू पाकिस्तान" फिल्म निकाल दी जोकि सुपर हिट रही थी.
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