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गीतकार जावेद अख्तर को रिचर्ड डॉकिन्स अवॉर्ड 2020 से सम्मानित किया गया है. अख्तर को ये अवॉर्ड आलोचनात्मक सोच, धार्मिक सिद्धांतों और नीतियों की समीक्षा करने, मानव प्रगति को बढ़ावा देने और मानवतावादी मूल्यों को बनाए रखने के लिए दिया गया है. जावेद अख्तर इस अवॉर्ड को पाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. इससे पहले ये अवॉर्ड अमेरिकी कॉमेडियन बिल महर और दार्शनिक क्रिस्टोफर हिचेंस को दिया गया था.
75 वर्षीय अख्तर ट्विटर पर काफी एक्टिव रहते हैं. वो कई मुद्दों पर अपनी राय सोशल मीडिया के जरिए रखते रहते हैं. हाल ही में उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA), तब्लीगी जमात का मुद्दा और इस्लामोफोबिया पर कई ट्वीट किए.
जावेद अख्तर को पद्मश्री, पद्म भूषण, साहित्य अकादमी अवॉर्ड और पांच नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है.
रिचर्ड डॉकिन्स अवॉर्ड दुनिया के जाने-माने बायोलॉजिस्ट रिचर्ड डॉकिन्स के नाम पर शुरू किया गया है. ये अवॉर्ड उन लोगों को दिया जाता है, जो सार्वजानिक रूप से धर्मनिरपेक्षता, तर्कवाद और वैज्ञानिक सच के बारे में बात करता हो. रिचर्ड डॉकिन्स अवॉर्ड हर साल दिया जाता है. 2019 तक ये अवॉर्ड एथीस्ट अलाइंस ऑफ अमेरिका देता था. जुलाई 2019 में ये अवॉर्ड सेंटर फॉर इन्क्वायरी के पास चला गया.
जावेद अख्तर के रिचर्ड डॉकिन्स अवॉर्ड से सम्मानित होने पर सोशल मीडिया के जरिए उन्हें खूब बधाई दी जा रही है. जावेद की पत्नी शबाना आजमी ने उन्हें ट्विटर पर बधाई दी.
एक्टर दीया मिर्जा ने भी जावेद अख्तर को बधाई दी और लिखा कि हमें गर्व है.
एक्टर अनिल कपूर और जर्नलिस्ट वीर सांघवी ने भी जावेद अख्तर को बधाई दी है.
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