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फिल्म 'भारत' में सलमान खान के बुढ़ापे से आपका कोई लेना देना नहीं होना चाहिए. यह बात फिल्म में बहुत साफ है, 70 साल के बुजुर्ग सलमान को आप तीन-तीन गुंडों को मारते देख सकते हैं. सलमान ने फिल्म में सफेद 'सूर्यवंशम' वाली दाढ़ी लगा रखी है और वह बाइक पर सवार तीन गुंडों को बड़ी आसानी से पीट रहे हैं.
खास बात ये है कि बुढ़ापे के नाम पर सलमान को झुर्रियां तो दे दी गई हैं. लेकिन उनकी चाल और बॉडी लैंग्वेज बिल्कुल भी नहीं बदलता- चाहे वो नौजवान के रोल में हों या फिर सत्तर साल के बुजुर्ग के रोल में. पूरी फिल्म में उनकी वही स्वैग वाली चाल देखने को मिलेगी. खैर! यह सलमान खान हैं और जो चाहें वो कर सकते हैं! और हम क्या करें? यह सब भूल-भाल के मूवी देख सकते हैं.
कहानी कुछ ऐसी है कि भारत-पाक बंटवारे से पहले पैदा हुआ लड़का भारत (सलमान खान) अपनी जिंदगी में कई तरह के रंग देखता है और अपने देश को भी कई परेशानियों से गुजरते देखता है. बंटवारे की वजह से देश में जो खून-खराबा और हिंसा चल रही होती है, उससे सलमान खान के कैरेक्टर 'भारत' को निजी नुकसान भी होता है.
ऐसे में 'भारत' को अपने परिवार को एकजुट बनाये रखने के लिए कड़ी मेहनत करते दिखाया गया है- ठीक उसी तरह जिस तरह अपना देश बंटवारे के दर्द को भुलाते हुए अपने भविष्य को बनाने में जुट जाता है.
फिल्म की अगली अच्छी बात यह है की इसमें सुनील ग्रोवर हैं और उन्हें सलमान खान जितना ही स्क्रीन स्पेस दिया गया है. सुनील ने इस फिल्म में एक वफादार दोस्त विलायत सिंह का रोल निभाया है. उनका टैलेंट इस फिल्म में देखते ही बनता है. सोनाली कुलकर्णी और जैकी श्रॉफ के रोल इस फिल्म में कम हैं लेकिन बहुत ही अच्छी तरह निभाए गए हैं.
हालांकि, फिल्म और छोटी हो सकती थी. जब आप 167 मिनट बैठेंगे तो आपको पता चलेगा कि कई जगह कुछ सीन्स और गाने बिना मतलब घुसा दिए गए हैं जिसकी जरूरत नहीं थी. जो फिल्म एक देश का 1947 से लेकर 2010 तक का सफर दिखा रही हो, उस फिल्म के लिए अच्छी तरह से रिसर्च तो करना बनता है.
फिल्म में प्यार, दोस्ती और दर्द इस तरह दिखाया गया है कि आप भारत और उसकी कहानी के लिए फिक्र भी करेंगे और खूब इमोशनल भी होंगे.
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