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वैसे तो फिल्म ‘अजहर’ क्रिकेटर अजहरुद्दीन की जिंदगी पर बनी है लेकिन कहानी में तोड़-मरोड़ की पूरी आजादी ली गई है. फिल्म के कई किरदार कहानी से जुड़े असली लोगों से मेल नहीं खाते हैं.
मैच फिक्सिंग के बारे मे जो डिटेल हम पहले से ही जानते हैं उसे ही इन्होनें बिल्कुल सीधे-सादे तरीके से दोबारा बताया गया है.
निर्देशक टोनी डिसूजा ने लेखक रजत अरोरा को एक सीधा सा फंडा बताया कि कुछ भी हो अजहर हमेशा अच्छा बना रहे ,इसलिए बुकी से पैसे लेने के बावजूद भी बंदा जानबूझकर मैच नही हारता. और तो और बीवी के बावजूद अफेयर करने वाले अजहर को इतने पछतावे में दिखाया है कि हमें उसे माफ करने को मजबूर होना पड़ता है.
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