Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Entertainment Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019 मूवी रिव्यू: बेमतलब रोने-धोने वाली कहानी है ‘सनम तेरी कसम’

मूवी रिव्यू: बेमतलब रोने-धोने वाली कहानी है ‘सनम तेरी कसम’

बैड बॉय और गुड गर्ल की इस घिसी-पिटी लव स्टोरी में ऐसा कुछ नहीं है कि इसे देखने सिनेमा हॉल तक जाया जाए.

स्तुति घोष
एंटरटेनमेंट
Updated:
फिल्म ‘सनम तेरी कसम’ का पोस्टर.
i
फिल्म ‘सनम तेरी कसम’ का पोस्टर.
null

advertisement

किसी भी फिल्म की आत्मा उसकी स्क्रिप्ट में होती है — एक कहानी, जिसे सुना जाना और सुनाया जाना जरूरी होता है. पर हालिया रिलीज्ड फिल्म ‘सनम तेरी कसम’ पर ऐसा कोई नियम लागू नहीं होता. यह फिल्म बिना किसी रोक-टोक सिनेमा हॉल की स्क्रीन पर चढ़कर दबे पांव उतरने को पूरी तरह आजाद है.

एक तो ऐसे कैरेक्टर्स, जिन्हें ठीक से लिखा नहीं गया, फिर उनका रोना-धोना. अरे, एक्सपायरी डेट गुजर जाने के बाद तो वैसे भी इसे झेलना मुश्किल होता है, पर ये फिल्म तो अपने ‘बेस्ट बिफोर’ टाइम से पहले भी गले नहीं उतरती.

निर्देशक के तौर पर राधिका राव और विनय सप्रू का यह मिसएडवेंचर बेवकूफाना नजर आता है. पाकिस्तानी अभिनेत्री मावरा होकेन ने सरस्वती किरदार निभाया है. उसके नाजुक कंधों पर नैतिकता और बड़ों की आज्ञा मानने का इतना बोझ है कि वह बेचारी सांस भी नहीं ले पाती.

सरस्वती या सरू की शादी तुरंत कराई जानी है, पर चूंकि वो ‘बहन जी’ है, तो कोई उसके साथ सात फेरे लेने को तैयार ही नहीं. सरू की बहन काफी दुष्ट है, जो हमेशा उसके लुक पर उसे ताने देती रहती है.

किसी को समझ नहीं आता कि सरू के बेमतलब नाराज रहने वाले पिता जो रोमांटिक कविता पढ़ने पर भी डांट देते हैं, वे सरू की छोटी बहन के लव अफेयर को लेकर बेफिक्र क्यों नजर आते हैं. सारे वक्त दर्शक यही सोचते रहते हैं कि अब बस सरू को बख्श दिया जाए और साथ ही हमें भी.

फिर एक दिन सरू की मुलाकात एक हट्टे-कट्ठे नौजवान से होती है. बेशक तेलुगू हीरो हर्षवर्धन राणे इससे बहुत बेहतर कर सकते हैं, पर इस फिल्म में अपने सिक्स पैक एब्स को दिखाने के अलावा उनके हिस्से खास काम नहीं आया.

‘सनम तेरी कसम’ के एक दृश्य में मावरा होकाने और हर्षवर्धन राणे. (फोटो: Sanam Teri Kasam’s Facebook page)

फिल्म की कहानी और पात्र दर्शकों को रोने-धोने के सिवा कुछ भी नहीं देते. पूरे 155 मिनट तक दर्शक फिल्म देखने आने के अपने फैसले पर फुरसत से दुखी हो सकते हैं.

अजीब तरह के माता-पिता, बाल अपराधी से बॉडी बिल्डर बना बेचारा सा हीरो... कुल मिलाकर यह खिचड़ी बेस्वाद है और देर तक खत्म होने का नाम नहीं लेती.

मावरा होकेन खूबसूरत हैं और लगता है कि वे एक्टिंग भी कर सकती हैं, पर उन्हें बेहतर फिल्म मिलनी चाहिए थी. सचमुच सरू जैसा दुखी और थकाऊ फीमेल कैरेक्टर पिछले लंबे वक्त से बॉलीवुड में नजर नहीं आया.

हर्षवर्धन राणे की बॉडी को देखकर इतना अहसान तो उन पर कर ही सकती हूं कि उनके बारे में कुछ और न लिखूं.

घर पर बैठकर आराम से ‘सनम तेरी कसम’ के टीवी पर आने का इंतजार करिए. यकीन मानिए, जब हाथ में रिमोट होगा, तो फिल्म ज्यादा अच्छी लगेगी.

मैं इस फिल्म को 5 में से 1 क्विंट देती हूं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 05 Feb 2016,06:51 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT