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'बागी 3' में फैमिली ड्रामा है, एक्शन है और आतंकवाद है. फिल्म में एक्शन के नए किंग टाइगर श्रॉफ, रितेश देशमुख और श्रद्धा कपूर हैं. अहमद खान के डायरेक्शन में बनी ये फिल्म 2012 में आई तमिल फिल्म Vettai का अडैप्टेशन है. पाकिस्तानी जेबकतरे अख्तर लाहौरी के रोल में विजय वर्मा और टाइगर-रितेश के शहीद पुलिस अफसर पिता के रोल में जैकी श्रॉफ का भी कैमियो है.
अब अगर आपने ट्रेलर देखा है, तो आपको कहानी पता होगी. रॉनी (टाइगर श्रॉफ) और विक्रम (रितेश देशमुख) भाई हैं, जिनका रिश्ता काफी गहरा है. जब भी विक्रम किसी परेशानी में होता है (जो कि वो अक्सर होता है), तो वो रॉनी को मदद के लिए बुलाता है. और एक प्यार करने वाले और बेरोजगार दिखने वाले भाई के तौर पर, रॉनी कुछ सेकेंड्स में ही उसके पास पहुंच भी जाते हैं . यही कमिटमेंट जो दोनों के लिए परेशानी लेकर आता है, जब विक्रम को एक सीरिया का बड़ा आतंकवादी किडनैप कर लेता है. इसके बाद रॉनी अपने भाई को बचाने के मिशन पर निकलता है.
हम ये भी सोचने पर मजबूर होते हैं कि रितेश का कैरेक्टर एक अंडरकॉन्फिडेंट मैन-चाइल्ड की तरह क्यों बर्ताव करता है. राइटर्स ने फिल्म में ह्यूमर को इतना घुसाने की कोशिश की है कि वो विक्रम-रॉनी के अलावा कोई रिलेशनशिप दिखा ही नहीं पाए. श्रद्धा कपूर और टाइगर श्रॉफ के कैरेक्टर्स के रिलेशनशिप के नेचर को लेकर कुछ साफ नहीं है.
जहां तक परफॉर्मेंस की बात है, तो टाइगर कुछ एक्सप्रेशन्स और उनके कोरियोग्राफ किए हुए एक्शन सीन से ज्यादा नहीं दिखा पाते. बल्कि, टाइगर की एक्टिंग की कमी को रितेश देशमुख पूरा करते हैं. सेकेंड हाफ में, श्रद्धा कपूर उनकी जगह ले लेती हैं. ये दोनों एक्टर्स टाइगर की लिमिटेड एक्टिंग की कमी को पूरा करते दिखते हैं. विजय वर्मा को जो किरदार दिया गया है, उसमें उनका टैलेंट वेस्ट होता दिखता है. जहां कोई भी परफॉर्मेंस अलग से नहीं निखरती, वहीं एक साथ ये फिल्म को एंटरटेनिंग बनाने में थोड़े सफल होते हैं.
फिल्म में से बस रॉनी और विक्रम का 'कभी न टूटने वाला रिश्ता' छूने वाला है. आखिरकार, बॉलीवुड में अनहेल्थी रिलेशनशिप को नॉर्मल बनाने का इतिहास रहा है.
अहमद खान की 'बागी 3' टाइगर श्रॉफ के जौनर वाली फिल्मों में फिट बैठती है. अगर आप बिना किसी उम्मीद के जाएंगे, तो आपको फिल्म ठीकठाक लग सकती है.
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