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कार्तिक आर्यन, कियारा आडवाणी, तबु, संजय मिश्रा और राजपाल यादव की कॉमेडी फिल्म 'भूल भुलैया 2' रिलीज हो गई है. अनीस बज्मी के डायरेक्शन में बनी ये फिल्म अक्षय कुमार की 'भूल भुलैया' का वैसे तो सीक्वल है, लेकिन ये वहां से शुरू नहीं होती, जहां पहले वाली खत्म हुई थी.
फिल्म की शुरुआत ही एक बाबा के साथ होती है, जो मंजुलिका (भूत) को एक कमरे में बंद करने के लिए छाड़-फूंक कर रहा है. डरा-सहमा परिवार बाबा के आसपास खड़ा है. तबु के किरदार पर हमला करने के बाद हम देखते हैं कि बाबा भूत को कमरे में बंद करने में कामयाब हो जाता है.
18 साल बाद हमारी मुलाकात होती है रुहान (कार्तिक आर्यन) से. एक अमीर परिवार से आने वाला रुहान कोई काम-धंधा नहीं करता. पिता की मौत के बाद से वो बस ट्रैवल ही कर रहा है.
कियारा आडवाणी का किरदार एक सीधी-साधी लड़की का है, जो एक दूसरे शहर में पढ़ाई कर रही है. वो अपने हॉस्टल और कॉलेज के अलावा कहीं नहीं गई. जरा सोचिए, एक शहर में चार साल बिताने के बाद उसने बस यही किया है, क्योंकि उसके पिता, जो दूसरे शहर में रहते हैं, बहुत सख्त हैं और वो उन्हें परेशान नहीं करना चाहती.
रुहान और रीत की मुलाकात तब होती है जब रीत एक केबल कार में अपना बैग छोड़ देती है और इशारों से रुहान को बताने की कोशिश करती है. कुछ सेकेंड्स बाद, रीत अपना फोन भूल जाती है, और जब रुहान उसे फोन देने वापस जाता है तो रीत को लगता है कि वो उसे रिझाने की कोशिश कर रहा है और वो गुस्से में अपना फोन फेंक देती है. जब घर फोन करने के लिए वो रुहान के फोन का इस्तेमाल करती है, तो ऑडियंस को पता चलता है कि अगले कुछ दिनों में उसकी शादी होने वाली है. हालांकि, वो ये शादी नहीं करना चाहती.
रुहान रीत को ये कहकर मनाने की कोशिश करता है कि वो उसके साथ एक म्यूजिक फेस्टिवल में चले, क्योंकि अब तक उसने जिंदगी में कुछ भी नहीं देखा है. रीत तैयार हो जाती है. दोनों जब वापस आने के लिए बस लेने आए, तो उन्हें पता चलता है कि वो पहले जिस बस में थी, उसका एक्सीडेंट हो गया है और हादसे में कोई नहीं बचा.
कुछ समय बाद रीत अपने परिवार को (अपनी बहन की शादी होने के बाद) अपने जिंदा होने की हकीकत बताती है और रुहान को अपने घर ले जाती है, ताकि वो उसकी मदद कर सके. और जैसा कि सभी फिल्मों में होता है, बस 24 घंटे में ये दोनों एकदम चड्डी-बड्डी बन जाते हैं!
दोनों उस हवेली में रहने का तय करते हैं, जहां मंजुलिका को बंद किया गया है. रीत रुहान को अपने बचपन की कहानियां बताती है. वो मानती है कि यहां कोई भूत नहीं है और ये बस कहानियां हैं.
हवेली में परिवा की मुलाकात रुहान से होती है, जो उन्हें बताता है कि रीत के भूत ने उसे वहां भेजा है और उसकी आखिरी इच्छा थी कि सभी इस हवेली में रहें. ऐसी कुछ घटनाएं होती हैं, जिसके बाद सभी को यकीन हो जाता है कि रुहान भूतों से बात कर सकता है. इसके बाद वो रुहान से रूह बाबा बन जाता है.
कार्तिक आर्यन ने अक्षय कुमार की डायलॉग डिलीवरी को कॉपी करने की कोशिश की है और वो इसमें कुछ हद तक कामयाब भी होते हैं, लेकिन आपको अक्षय की याद आएगी. 'भूल भुलैया 2' 2 घंटे 10 मिनट की फिल्म है. अगर इसे 20 मिनट और कम किया जाता, तो ये और बेहतर हो सकती था.
इस हॉरर कॉमेडी में हॉरर कम और कॉमेडी ज्यादा है. मैं बचकाने जोक्स को झेल सकती हूं, लेकिन यहां मुझे ये पसंद नहीं आया कि कैसे हंसाने के लिए एक बच्चे को फैट-शेम किया गया. क्या हम अभी भी ये कर रहे हैं? अगर मैं इससे ज्यादा उम्मीद कर रही थी, तो शायद मेरी ही गलती है.
मंजुलिका का मेकअप जरूर हंसने वाला है. जब आप वो मुल्तानी मिट्टी जैसे फेस पैक लगता हैं और इसे ज्यादा देर छोड़ दो तो कैसे उसमें दरारें दिखने लगती हैं, यहां मंजुलिका का मेकअप भी कुछ ऐसा ही है.
हालांकि, इस फिल्म की असली स्टार तबु हैं, जो सारी लाइमलाइट ले जाती हैं.
'भूल भुलैया' 2 को 5 में से 2.5 क्विंट!
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