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फिल्म ब्लडी डैडी (Bloody Daddy) की शुरुआत कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के संक्षिप्त इतिहास और दुनिया पर इसके प्रभाव के साथ होती है. कोरोना की वजह से लाखों लोगों की जान चली गई, तो कइयों की आजीविका छिन गई.
इस ओपनिंग से साफ है कि जब दो लोग- सुमैर आजाद (Shahid Kapoor) और जग्गी (Zeishan Quadri) खुलेआम बीच सड़क पर गोलाबारी करते हैं, तो वहां सिर्फ एक गार्ड ही क्यों मौजूद रहता है. इस दौरान उन्हें एक ड्रग्स से भरा बैग मिलता है.
इसके बाद हमारा परिचय सुमैर के बेटे अथर्व से होता है, जो सुमैर की पूर्व पत्नी और उसके पार्टनर से दूर उसके साथ छुट्टियां मना रहा है. सुमैर के आस-पास के लोग उसे एक गैर-जिम्मेदार पिता, पति और शख्स होने के लिए कोसते हैं.
लियाम नीसन (Liam Neeson) की 'Taken' फिल्म की तरह ये दोनों घटनाएं साथ आती हैं और सुमैर अपने बेटे को खतरनाक अपराधियों के चंगुल से छुड़ाने में जुट जाता है. यह एक बुनियादी एक्शन-थ्रिलर का आधार है जो कि फिल्म के बाकी हिस्सों में नहीं बदलता. उम्मीद के मुताबिक, कुछ और लोगों का परिचय होता है और मुख्य किरदार के हाथ से चीजें फिसलने लगती हैं.
सुमैर, कबीर सिंह से ज्यादा 'फर्जी ' के सनी जैसा है, जो कि एक राहत की बात है. एक गुस्सैल, सोचने वाले और फ्रस्ट्रेटेड हीरो के रूप में शाहिद को देखना आनंददायक है. स्क्रिप्ट की डिमांड के मुताबिक शाहिद बेहतरीन ढंग से अपने किरदार को निभाते हैं. सुमैर का जल्द ही ड्रग लॉर्ड सिकंदर (Ronit Roy) से सामना होता है.
शाहिद की तरह ही रोनित रॉय भी बड़ी आसानी से अपने किरदार को निभाते हैं. एक डॉन के रूप में उनका किरदार एकदम नेचुरल लगता है. इसके साथ इस किरदार में उन्हें कॉमेडी करने का भी मौका मिलता है. उन्हें पर्याप्त स्क्रीन टाइम दिया गया है, लेकिन स्क्रीनप्ले में वो दम नहीं दिखता, जिससे निराशा होती है.
फिल्म में पुलिस ऑफिसर के रोल में डायना पेंटी भी हैं. इसके साथ ही संजय कपूर, राजीव खंडेलवाल भी फिल्म में हैं.
ब्लडी डैडी फ्रांसीसी फिल्म Nuit Blanche का एडेप्टेशन है. निर्देशक अली अब्बास जफर और सह-लेखक आदित्य बसु ने इसकी पटकथा को भारतीय दर्शकों के अनुरुप बदलने का प्रयास किया है, लेकिन यह फिल्म कहीं चूक जाती है.
अपने बेटे से अलग हुए एक आदमी के बारे में आप एक फिल्म से जिस भावनात्मकता की उम्मीद करते हैं, वह फिल्म के ज्यादातर हिस्से में नहीं देखने को मिलता है. हालांकि, शाहिद की एक्टिंग में ये नजर आता है. दर्शकों को इमोशनली जोड़े रखने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है.
कुल मिलाकर, 'ब्लडी डैडी' पूरी स्पीड के साथ शुरू होती है, जिसमें एक्शन के साथ-साथ कॉमेडी का तड़का है, लेकिन अंत तक जाते-जाते फिल्म थोड़ी कमजोर पड़ जाती है. 'ब्लडी डैडी' जियो सिनेमा पर स्ट्रीम हो रही है.
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