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‘गली बॉय’ शुरू होते ही जैसे पूरा मूड सेट हो जाता है. थिएटर में बैठे दर्शक अपना सिर हिलाए और पैरों को थिरकाए बिना नहीं रह सकते. जोया अख्तर और रीमा कागती के स्क्रीनप्ले का सुरूर दर्शकों पर धीरे-धीरे तब चढ़ना शुरू होता है, जब फिल्म के मेन कैरेक्टर मुराद (रणवीर सिंह) और सैफीना आलिया भट्ट पर्दे पर आते हैं.
जय ओझा के कैमरे ने मुंबई की 'धारावी' को जैसे जिंदा कर दिया है, वहां की उबड़ खाबड़, सख्त गलियां भी सांस लेती नजर आ रहीं हैं. ये एक ऐसी कहानी है, जिसे देखने, सुनने, जानने का और मन करे. गर्मजोशी से भरे डायलॉग, गाने दिल की धड़कन उस हर सीन के साथ बढ़ा देते हैं. जब-जब रणवीर पर्दे पर आते हैं.
जोया अख्तर के डायरेक्शन में सजाया गया 'अपना टाइम आएगा' में उन दबे कुचले लोगों की खामोशी को आवाज दी है, जिसे मुराद (रणवीर सिंह) ने अपने रैप के जरिए आवाज दी है. कहानी यहीं से शुरू होती है, जहां मुराद के पिता उसे ड्राइवर बनने के लिए मजबूर करते हैं, क्योंकि वो एक दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं. और वो चाहते हैं कि रणवीर उनकी जगह ड्राइविंग का काम करे... यहां ये शुरू होता है एक युद्ध.
मुराद की जिंदगी में बदलाव तब आता है, जब वह एक दिन एमसी शेर ( श्रीकांत) को कॉलेज के लड़कों के साथ रैप करता देखता है. मुराद इसके बाद श्रीकांत के साथ जुड़ जाता है और ये दोनों अपनी एक टीम बनाकर रैप करते हैं.
रणवीर का शर्मीला अंदाज खासकार वो मासूम आखें हिप हॉप को और जिंदा कर देती हैं. रणवीर का कैरेक्टर खुद के अंदर चल रही उस नाराजगी को समझने की कोशिश करते हैं, जो उन जैसे हजारों लोगों की आवाज को दाबाने की कोशिश करता है. ओरिजिनल रैपर डिवाइन और नाजी के रैप 'अपना टाइम आएगा' ने फिल्म रिलीज से ही पहले म्यूजिक की दुनिया में तहलका मचा दिया था. वहीं दूसरे रैप ‘भाग भाग शेर आया’ ने लोगों का दिल जीत लिया.
रणवीर की शानदार एक्टिंग ने किरदार वो बखूबी निभाया है. ये कहना गलत नहीं होगा कि रणवीर जो भी किरदार निभाते हैं, उसमें वो उस्ताद हो जाते हैं. वहीं आलिया भट्ट का सैफिना किरदार भी बहुत खूबसूरती से लिखा गया है. कल्की कोचलिन का किरदार छोटा जरूर है, लेकिन दमदार है.
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