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असली घटनाओं पर आधारित फिल्मों के साथ दिक्कत ये होती है कि क्योंकि ऑडियंस को सब मालूम होता है, इसलिए एंगेज करना मुश्किल हो जाता है. लेकिन 'होटल मुंबई' के साथ ऐसा नहीं है. होटल मुंबई ऑडियंस को पूरा एंगेज रखती है और इसके लिए डायरेक्टर एंथनी मारस (जिन्होंने जॉन कॉली के साथ मिलकर स्क्रीनप्ले भी लिखा है) की खूब तारीफ की जानी चाहिए.
फिल्म में बड़े पावरफुल तरीके से दिखाया गया है कि इस हमले ने कैसे मुंबई की जिंदगी को प्रभावित किया था. फिल्म की सबसे खास बात ये है कि यहां बैकग्राउंड म्यूजिक बैकग्राउंड में ही है, वो फिल्म पर हावी नहीं हो रहा है.
एक सीन है जहां लोग एक वेटर से बात कर रहे हैं और उसे अचानक गोली लग जाती है. एक सीन में बिजी किचन का फूड प्लेटिंग सीन दिखाया गया है. वहीं साथ-साथ आतंकियों और गोलियां चलने के सीन हैं. साथ में दिखाए जा रहे यही सीन आपको आपकी सीट से बांधे रखते हैं.
होटल के स्टाफ के रोल में देव पटेल हैं, जो अपने हेड शेफ (अनुपम खेर) की देखरेख में काम कर रहा है. अनुपम खेर ने फिल्म में ताज होटल के पूर्व ग्रैंड एग्जीक्यूटिव शेफ हेमंत ओबरॉय का रोल प्ले किया है. गेस्ट को बचाने के होटल स्टाफ के काम को फिल्म में बड़ी बखूबी से दिखाया गया है.
देव पटेल और अनुपम खेर अपने रोल में एकदम फिट बैठते हैं. हॉलीवुड एक्टर आर्मी हैमर और नाज़नीन बोनादी ने एक विदेशी कपल का रोल प्ले किया है.
'होटल मुंबई' देखकर कई पुरानी कड़वी यादें सामने आ जाती हैं, लेकिन सिनेमा के चश्मे से देखें तो ये एक सॉलिड फिल्म है. ये आपको सीट से बांधे रखती है. इस फिल्म को 5 में से 4 क्विंट!
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