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कारवां रिव्यू: एडवेंचर और ट्रैजेडी के सफर पर एक साधारण रोड ट्रिप

इरफान के फैंस इसे देखने का मन बना सकते हैं.

क्विंट हिंदी
मूवी रिव्यू
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एक रोड ट्रीप पर निकले तीन लोगों की कहानी 
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एक रोड ट्रीप पर निकले तीन लोगों की कहानी 
फोटो:Twitter 

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एक रोड ट्रिप से शुरू हुआ ये सिलसिला जिसे आप एडवेंचर का तो नाम दे सकते हैं, लेकिन इसे ट्रैजेडी सफर कहना भी भी गलत नहीं होगा, क्योंकि ये दिल चाहता है या जिंदगी न मिलगी दोबारा जैसी दोस्ती और खुशनुमा सफर की कहानी नहीं, बल्कि तीन ऐसे लोगों की कहानी है जो एक ट्रैजेडी के चलते एक सफर के साथी बन जाते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है इरफान खान, दलकीर सलमान और मिथिला पालकर की फिल्म 'कारवां' की.

कहानी शुरू होती है अविनाश (दलकीर सलमान) से जो एक हैरान परेशान इंसान है और अपनी आईटी नौकरी से खुश नहीं है. जिसका सपना एक फोटोग्राफर बनना था, लेकिन अपनी ख्वाहिशें पूरी न होने का जिम्मेदार हमेशा अपने पिता को समझता रहा.

अचानक कहानी में ट्विस्ट आता है और सब बदल जाता है. एक रोड एक्सीडेंट में अविनाश के पिता की मौत हो जाती है और उनकी डेड बॉडी गलती से किसी और के पास पहुंच जाती है और कोच्चि पहुंच जाती है. अविनाश के दोस्त शौकत (इरफान खान) अविनाश की मदद के लिए आगे आते हैं और अपनी गाड़ी से बॉडी की तलाश में निकल पड़ते हैं बैंगलोर से कोच्चि.

तन्या (मिथिला पालकर) की दादी की मौत हो गई है और तन्या ही वो लड़की हैं जिनकी दादी की डेड बॉडी से अविनाश के पिता की डेड बॉडी बदल जाती है...और यहीं से शुरू होता है फिल्म का कारवां ....

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रोड ट्रिप फिल्मों में हम पहले भी देखते आए हैं कि दोस्ती, केमिस्ट्री और बॉन्ड फिल्म को हर तरफ से बांधे रखता है. लेकिन इरफान की इस फिल्म में तामाम कोशिशों के बाद भी कैरेक्टर्स के बीच न तो वो रिश्ता नजर आया न ही अपनी अदाकारी से एक किरदार दूसरे से जुड़ता हुआ दिखाई दे रहा था. असल में अगर बात की जाए तो फिल्म के किरदारों के पीछे की कोई ऐसी कहानी ही नहीं सामने नहीं आती की दर्शक अपने आपको को फिल्म से जोड़ पाएं.

अब बात की जाए तो शौकत यानी इरफान खान के किरदार की तो फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद. ये बात समझ में आ गई थी इरफान के ह्यूमर का जादू किसी भी कैरेक्टर को चलने के लिए काफी होता है. इरफान की टूटी-फूटी इंग्लिश, वो उनके वन लाइनर्स फिल्म को चलाने के लिए काफी होते हैं. अगर फिल्म देखने की बात की जाए तो ये कहा जा सकता है कि इरफान खान इस फिल्म को देखने का बड़ा कारण हो सकते हैं.

बिजॉय नाम्बियार की इस फिल्म में उन्होंने ह्यूमर डालने की कोशिश तो की है, लेकिन इसमें वो कितना सफल हुए हैं इस बात का पता तो बाद में ही चलेगा, लेकिन साउथ के दलकीर सलमान की बात करें तो ये साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि ये उनके लिए सही लॉन्च पैड साबित होगा. लेकिन अगर अदाकारी की बात करें तो दलकीर ने अपने किरदार के पूरा न्याय किया है. ऐसा ही मिथिला पालकर के बारे में कहा जा सकता है. क्योंकि वो जानी-मानी वेब स्टार हैं, लेकिन फिल्म में उनका किरदार इतना नहीं है जिससे वो अपने आपको साबित कर पाएं.

साफ तौर पर कहा जाए तो इस रोड ट्रिप और इरफान खान से दर्शकों को काफी उम्मीदें थी जो शायद पूरी न हो पाए, लेकिन फिर भी इरफान के फैंस इसे देखने का मन बना सकते हैं.

स्टार- 2.5/5

खलीज टाइम्स

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Published: 03 Aug 2018,10:11 AM IST

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