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इतिहास के पन्नों में सारागढ़ी जंग की कहानी शौर्य की अनूठी मिसाल के रूप में जानी जाती है. बैटल ऑफ सारागढ़ी वीरता की वो दास्तां है, जिसमें ब्रिटिश सेना की 36वीं रेजिमेंट के 21 सिख और अफगानिस्तान के 10,000 से ज्यादा लोगों के बीच जबरदस्त संघर्ष हुआ था.
अक्षय कुमार की फिल्म ‘केसरी’ रिलीज हो चुकी है. ये फिल्म सारागढ़ी के उन 21 वीरों को सलामी है, जिन्होंने सारागढ़ी की जंग में हजारों दुश्मनों से मजबूती से लड़ते हुए फक्र से अपनी शहादत दी थी.
फिल्म में सबसे पहले हवलदार ईशर सिंह (अक्षय कुमार) से मिलवाया जाता है, जो ब्रिटिश इंडियन आर्मी के एक ईमानदार सैनिक हैं. इंसाफ और मजबूत विचार की वजह से अक्सर अपने सीनियर के साथ उलझ जाते हैं. आदेशों का पालन नहीं करने की वजह से परेशान होकर, ईशर सिंह को सारागढ़ी किले में भेज दिया जाता है.
ब्रिटिश शासन में स्ट्रेटेजिक वैल्यू के अलावा सारागढ़ी ने कुछ खास सैन्य कार्रवाई नहीं देखी थी. लेकिन यह सब तब बदल जाता है जब अफगानिस्तान के कबायली लड़ाके इस अहम पोस्ट पर कब्जा करने के लिए जमा होने लगे और सारागढ़ी की ओर बढ़ने लगे. डायरेक्टर अनुराग सिंह और ग्रीश कोहली की लिखी ‘केसरी’ ऐसी प्रेरणा देने वाली फिल्म है, जिसे बड़े ही स्मार्ट तरीके से हैंडल किया गया है. इंसानियत और वीरता के इमोशंस को परदे पर बेहतरीन ढंग से अंजाम दिया है.
156 मिनट लंबी ये फिल्म दो हिस्सों में बड़ी ही सफाई से बांटी गई है. फर्स्ट हाफ में डायरेक्टर ने इन जांबाज सिपाहियों की जिंदगी से रूबरू कराने की कोशिश की है, जो अपनी इज्जत के लिए लड़ते हैं. फिल्म में परिणीति चोपड़ा अक्षय कुमार यानी ईशार सिंह की पत्नी के रोल में हैं. हालांकि, परिणीति चोपड़ा का बहुत छोटा रोल है, लेकिन वो अपना इम्पैक्ट छोड़ जाती है.
दूसरी ओर, ज्यादातर स्क्रीन पर अक्षय कुमार दिखेंगे और उन्होंने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है. उनके पगड़ीदार लुक और बार-बार अपने गर्व की बातें बताना उनके रोल को जस्टिफाई करती हैं.
अंशुल चौबे की सिनेमेटोग्राफी और नेचुरल CGI दोनों मिलकर फिल्म को एक ऐतिहासिक युद्ध गाथा बनाती है. युद्ध के सीन को इस तरह से परोसा गया है कि यह आपके रोंगटे खड़े कर देंगे.
थोड़ी बेहतर एडिटिंग इसे और परफेक्ट फिल्म बना सकती थी. लेकिन फिर भी ये एक पावरफुल फिल्म है.
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