Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Entertainment Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Movie review  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019रिव्यू: बिना कहानी वाली लाउड फिल्म है सलमान खान की ‘राधे’

रिव्यू: बिना कहानी वाली लाउड फिल्म है सलमान खान की ‘राधे’

फिल्म का स्क्रीनप्ले कुछ इस तरह है कि मुंबई संकट में है, और इसे केवल राधे बचा सकता है.

स्तुति घोष
मूवी रिव्यू
Updated:
(फोटो: वीडियो स्क्रीनग्रैब)
i
null
(फोटो: वीडियो स्क्रीनग्रैब)

advertisement

एक्टर सलमान खान ने फैंस से अपना ईद का वादा पूरा करते हुए आखिरकार ‘राधे: यॉर मोस्ट वॉन्टेड भाई’ रिलीज कर दी है. देश के इस समय जैसे हालात हैं, ऐसे समय में ‘राधे’ की रिलीज ने हमारे दर्द को और बढ़ा दिया है. ये एक लाउड और बेसिर पैर की फिल्म है, जिसमें न महिलाओं के लिए सम्मान है, न पुलिस के लिए और न ही ऑडियंस के दिमाग के लिए!

वैसे तो सलमान खान की फिल्मों में सेंस की उम्मीद कम ही की जाती है, लेकिन ये फिल्म अपनी एक्सपाइरी डेट से भी काफी आगे बढ़ चुकी है.

सलमान खान की फिल्मों में कुछ चीजें अक्सर एक जैसी होती हैं, जैसे अच्छे से कोरियोग्राफ किया हुआ उनका एंट्री सीन. इस फिल्म में भी आपको वो देखने को मिलेगा. ‘राधे’ कोरियन फिल्म ‘द आउटक्लॉज’ का रीमेक है. फिल्म का स्क्रीनप्ले कुछ इस तरह है कि मुंबई संकट में है, और इसे केवल राधे बचा सकता है.

आप देखते हैं कि वरिष्ठ अधिकारियों की एक हाईलेवल बैठक में एक शख्स चिल्लाता है- “हमें एक स्पेशलिस्ट की जरूरत है.” मुंबई को बचाने वाले इस शख्स के नाम बड़े रिकॉर्ड्स हैं- 10 सालों में 97 एनकाउंटर और 23 ट्रांसफर. वहीं, दूसरा कहता है- “उसका निलंबन हटा दीजिए.” और फिर खुद सलमान खान यानी कि राधे स्लोमोशन वॉक में पर्दे पर एंटर होते हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
मुंबई को बचाने वाले राधे के सामने चुनौती बनकर आते हैं मुंबई के नए ड्रग लॉर्ड- राणा (रणदीप हुड्डा). कई फिल्मों में अपनी शानदार एक्टिंग से लोगों का दिल जीत चुके रणदीप हुड्डा को ऐसे रोल में देखकर दुख होता है.

सलमान खान की बाकी फिल्मों की तरह, इस फिल्म में भी फीमेल एक्टर के लिए करने को ज्यादा कुछ नहीं है.

(फोटो: वीडियो स्क्रीनग्रैब)

फिल्म में कई ऐसे सीन हैं, जहां राधे को महिलाओं के 'सेवियर' को तौर पर दिखाया गया है. एक सीन में जब राधे से पूछा जाता है कि उसने इतने लोगों को क्यों मार दिया, तो वो कहता है, “औरत की इज्जत के लिए.” फिल्म में रेप या छेड़खानी के सीन हैं, रोती-बिलखती महिलाएं हैं, और इन सभी के जरिये ये दिखाने की कोशिश की गई है कि इन्हें ‘बचा’ लिया जाता, अगर राधे होता तो.

इस फिल्म में सलमान खान के सभी रंग देखने को मिलते हैं. “एक बार जो मैंने कमिटमेंट कर दी...” से लेकर शर्टलेस तक. ‘राधे’ में पुलिस के आक्रमक रवैये से लेकर टॉक्सिक मैस्कुलिनिटी को जस्टिफाई किया गया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 13 May 2021,09:29 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT