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Review: 'किसी का भाई किसी की जान' के साथ दबंग भाईजान सलमान खान की ईद पर वापसी

फिल्म में राघव जुयल, शहनाज गिल, सिद्धार्थ निगम, जस्सी गिल, पलक तिवारी और विनाली भटनागर भी आएगें नजर.

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मूवी रिव्यू
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<div class="paragraphs"><p>किसी का भाई किसी की जान</p></div>
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किसी का भाई किसी की जान

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बॉलीवुड के भाईजान सलमान खान (Salman Khan) एक और एक्शन ड्रामा के साथ वापस लौट आए हैं. फिल्म का निर्देशन फरहाद सामजी (Farhad Samji) ने किया है, जो इससे पहले हाउसफुल 4 (Housefull 4) और बच्चन पांडे (Bachchhan Paandey) जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं.

फिल्म की कहानी क्या है?

फिल्म में एक बुरा खलनायक उस झुग्गी को हड़पना चाहता है जिसमें सलमान और उसके तीन भाई रहते हैं. भाईजान उस क्षेत्र के एक मसीहा के रूप में हैं, जिसे सभी भगवान की तरह पूजते हैं. लड़कियां भाईजान के लिए पागल रहती हैं. लेकिन वह अपने भाईओं लव (सिद्धार्थ निगम), इश्क (राघव जुयाल) और मोह (जस्सी गिल) के लिए अविवाहित रहने का फैसला लेते हैं. इस वजह से फिर सभी उनसे अविवाहित रहने की ही उम्मीद करते हैं.

भाईजान को किस बात का डर?

भाईजान को फिल्म में यह डर रहता है कि किसी औरत के आने से उनके और उनके भाईयों के बीच दूरियां आ जाएगीं. हालांकि, उनके भाई अपने लिए अच्छे पार्टनर - मुस्कान (पलक तिवारी), सुकून (शहनाज गिल), और चाहत (विनाली भटनागर) का चुनाव करते हैं. इसके बाद सब भाईजान की शादी करवाने के मिशन में लग जाते हैं.

बिना किसी कारण के सेक्स वर्कर्स का अपमान करने के बाद, वे हैदराबाद की एक महिला भाग्यलक्ष्मी (पूजा हेगड़े) से टकराते हैं, जिसके पास नौकरी थी. हालांकि, उसे ऐसा करते कभी दिखाया नहीं जाता है, सिवाय उस एरिया के आस-पास घूमने के, जहां वो भाई रहते हैं. वह भाईजान के प्यार में पड़ जाती हैं, लेकिन फिर वह अपने परिवार के पास हैदराबाद चली जाती है.

फिल्म में हर साइड कैरेक्टर ऐसा नजर आ रहा है जैसे कि वह स्क्रिप्ट से डायलॉग पढ़ रहा हो. हालांकि, यह बात सही है कि सलमान खान के पास अभी भी वह आकर्षण है जिसने उन्हें एक सुपरस्टार बना दिया है, लेकिन यह ज्यादातर एक्शन सीन्स के दौरान ही दिखता है. इस फिल्म में पूजा हेगड़े ज्यादा कुछ करते नजर नहीं आती हैं, हालांकि, फिल्म के दूसरे हाफ में वह वेंकटेश दग्गुबाती जैसे अभिनेता की बहन के किरदार में नजर आती हैं.

किसी का भाई किसी की जान की कास्ट

(फोटो - A still from movie / Youtube)

साजिद का 'तेरे बिना' और रवि बसरूर का 'बथुकम्मा' फिल्म के सबसे अच्छे गाने हैं. इस गाने ने मेरे दिमाग पर वैसा ही असर किया है जैसा बचपन में 'मैरी हैड ए लिटिल लैम्ब' के ऑटो ट्यून को सुनने के बाद और डोरेमोन और फिनेस और फर्ब की कॉन्सपिरेसी थ्योरी को सुनने के बाद होता था. मैं ईमानदारी से यह कहना चाहूंगा कि यह गाना मेरे दिमाग में अटक गया है.

दूसरे हाफ में लड़ाई शुरू होने के बाद से फिल्म काफी बेहतर लगने लगती है. वेंकटेश स्क्रीन पर देखने के लिए एक पावरहाउस हैं और सलमान के साथ उनके सीन फिल्म के कुछ सबसे आसान दृश्य हैं.

भाईजान के तीन भाईओं और उनकी गर्लफ्रेंड का ज्यादा रोल नहीं होता है. किसी का भाई किसी की जान अपनी कास्ट स्टार पावर पर निर्भर करती है- चाहे वह पूजा हेगड़े, सलमान खान या वेंकटेश हों.

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