Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Entertainment Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Movie review  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019‘द लायन किंग’:देखने में शानदार, लेकिन कनेक्ट नहीं कर पाती है फिल्म

‘द लायन किंग’:देखने में शानदार, लेकिन कनेक्ट नहीं कर पाती है फिल्म

1994 में रिलीज हुई थी डिज्नी की एनिमेटेड फिल्म ‘द लॉयन किंग’

स्तुति घोष
मूवी रिव्यू
Updated:
<div class="paragraphs"><p>The Lion King Hindi Full Movie Review: 1994 में रिलीज हुई थी डिजनी की एनिमेटेड फिल्म ‘द लायन किंग’</p></div>
i

The Lion King Hindi Full Movie Review: 1994 में रिलीज हुई थी डिजनी की एनिमेटेड फिल्म ‘द लायन किंग’

(फोटो: AP)

advertisement

1994 में रिलीज हुई डिजनी की एनिमेटेड फिल्म 'द लायन किंग' आज भी उतनी ही पॉपुलर है. सिम्बा का उसके पिता मुफासा के साथ वो भावुक रिश्ता, स्कार के गलत इरादे, सम्मान की लड़ाई, प्यार, धोखा... से सभी यादें आज भी फैंस के दिलों में जिंदा है.

अब 25 साल बाद डायरेक्टर जॉन फैवरो और राइटर जेफ नैथनसन हमारे लिए इस क्लासिक फिल्म का नया लाइव एक्शन वर्जन लेकर आए हैं.

पहली लायन किंग से लेकर अब तक इसमें टेक्नोलॉजी को लेकर आए बदलाव साफ देखे जा सकते हैं. फोटो-रियलिस्टिक कंप्यूटर एनिमेशन के जरिए फैंस को बड़े पर्दे पर एक विजुअल ट्रीट दी गई है. मुफासा से लेकर क्यूट सिम्बा तक, और बल्कि जंगल और पेड़-पौधे सभी भव्य और शानदार लगते हैं.

लेकिन हम जैसे देसी ऑडियंस के लिए जो मेजर अट्रैक्शन है, वो है बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख और उनके बेटे आर्यन खान की आवाज. शाहरुख खान ने मुफासा और आर्यन ने सिम्बा के कैरेक्टर को अपनी आवाज दी है.

क्या आर्यन की आवाज एकदम शाहरुख जैसी लगती है? दरअसल, हां! आर्यन की आवाज थोड़ी शाहरुख जैसी होने की वजह से और मजा आता है. आर्यन की आवाज फ्रेश है, इसलिए वो सिम्बा के लिए एकदम फिट लगते हैं, लेकिन शाहरुख की आवाज पूरी फिल्म में उन्हीं के जैसे लगी है, जो उनके किरदार पर भारी पड़ती है.

पहली एनिमेटेड फिल्म की बात में ये बात अच्छी थी कि एनिमेटेड कैरेक्टर होने की वजह से ऐसा लगता है कि वहां कैरेक्टर खुद बात कर रहे हैं, लेकिन यहां पर सब कुछ इतना असली है कि लगता है कैरेक्टर बात ही नहीं कर रहे. सब कुछ असली रखने के चक्कर में बीच में ऐसा भी एहसास होता है कि आवाज कैरेक्टर्स से मैच नहीं कर रही.

सबसे शानदार सीन और डायलॉग्स टिमोन और पुम्बा के हिस्से हैं, जिसकी आवाज श्रेयस तलपड़े और संजय मिश्रा ने दी है. दोनों की कॉमिक टाइमिंग शानदार है और जोक्स काम करते हैं.

और इसमें जाजू यानी असरानी की डायलॉग डिलीवरी और साथ देती है.

स्कार के रोल में आशीष विद्यार्थी की आवाज प्रभावशाली लगती है, लेकिन जैसा लुक स्कार को दिया गया है, उससे वो मुफासा के सामने उस विलेन नहीं लगता.

मुफासा और स्कार के बीच सीन, या फिर जब सिम्बा स्कार से बदला लेता है... ये सीन ऑडियंस से कनेक्ट करने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं होता.

हकूना मटाटा के अलावा, हिंदी वर्जन में अधिकतर गाने जो सुनिधि चौहान और अरमान मलिक ने गाए हैं, वो आसानी से भुला दिए जाने वाले हैं. जिन्होंने ओरिजिनल लायन किंग देखी है, उन्हें ये नया वर्जन विजुअली तो अच्छा लगेगा, लेकिन इससे इमोशनली कम कनेक्ट कर पाएंगे.

फिर भी, फिल्म देखी जा सकती है और फोटो-रियलिस्टिक एनिमेशन शानदार है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 18 Jul 2019,06:12 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT