advertisement
कमल हासन की फिल्म ‘विश्वरूप 2 रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म की तुलना अगर 2013 में आई फिल्म 'विश्वरूप' से की जाए, तो इसकी कहानी बिल्कुल अलग है. फिल्म में कमल हासन के साथ बड़े-बड़े नाम क्रेडिट में दिखाई तो देते हैं, लेकिन कमजोर स्क्रिप्ट और पिक्चराइजेशन दर्शकों को निराश कर सकते हैं.
फिल्म में प्रोड्यूसर, डायरेक्टर, लीड एक्टर और कोरियोग्राफर तक सब कुछ कमल हासन ही हैं. तो ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि ये पूरी तरह कमल हासन की फिल्म है. एक अच्छा रॉ ऐजेंट, एक अच्छा हसबैंड और एक अच्छा बेटा. हर एक किरदार उनके इर्द-गिर्द बुना गया है. पूजा कुमार ने फिल्म में कैंसर स्पेशलिस्ट निरुपमा का किरदार निभाया है, जो कमल हासन की पत्नी हैं.
फिल्म की कहानी एक रॉ एजेंट मेजर विसाम अहमद कश्मीरी (कमल हासन) की है. इस फिल्म में विसाम अहमद अलकायदा से लड़ते हुए नजर आ रहे हैं. अलकायदा का सरगना उमर कुरैशी (राहुल बोस) का खत्मा करने की जिम्मेदारी इन्हीं के कंधों पर है.
फिल्म में शेखर कपूर पहले की तरह ही कमल हासन के बॉस के किरदार में दिखाई दिए हैं लेकिन वो क्या करवा रहे हैं कुछ नहीं पता चलता. उन्होंने क्या टास्क अपने ऑफिसर को दिया है, न उन्हें यह बात पता है न ही कमल हासन को. अगर अब स्क्रिन पर परफॉर्मेंस की बात की जाए जो तो ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि उमर कुरैशी के किरदार में राहुल बोस ने दर्शकों के दिल में अपनी छाप छोड़ी है.
फिल्म के कुछ सीन की बात की जाए तो, उन्हें बहुत ही बेहतरीन ढंग से फिलमाया गया है. फिल्म में बहुत सारे फ्रीजफ्रेम इस्तेमाल किए गए हैं जिसमें आप बहुत ही छोटी-छोटी डिटेल देख लेते हैं. 2 घंटे 20 मिनट की इस फिल्म को देखकर ये कहा जा सकता है कि फिल्म को अच्छे से बनाया जाता तो शायद से कमल हासन की बेहतरीन फिल्मों में शामिल हो सकती थी, लेकिन अफसोस जो ड्रामा और थ्रिल कमल दर्शकों के दिल में पैदा करना चहते थे उसमें वो फेल हो चुके हैं.
सोर्स:खलीज टाइम्स
5 में से 2.5 स्टार
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)