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‘ये साली आशिकी’ Review: अमरीश पुरी के पोते पर भारी पड़ी एक्ट्रेस

‘ये साली आशिकी’ कई जगह पर आपको एंगेज करती है

स्तुति घोष
मूवी रिव्यू
Published:
‘ये साली आशिकी’ कई जगह पर आपको एंगेज करती है
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‘ये साली आशिकी’ कई जगह पर आपको एंगेज करती है
(फोटो: यूट्यूब स्क्रीनग्रैब)

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चिराग रूपरेल की 'ये साली आशिकी' में, फिल्म के लीड हीरो का एक शॉट है जिसमें वो कबूतरों को दाना खिला रहा है. इस शॉट का फिल्म की स्टोरी से कुछ लेना-देना नहीं है. ताल्लुक बस इतना है कि फिल्म का हीरो वर्धन पुरी दिवंगत एक्टर अमरीश पुरी का पोता है. और ये सीन 'दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में अमरीश पुरी के फेमस सीन को एक ट्रिब्यूट जैसा लगता है.

चिराग रूपरेल की 'ये साली आशिकी' एक थ्रिलर फिल्म है, जो दो लोगों की कहानी को दो नजरिए से दिखाती है. साहिल माथुर (वर्धन पुरी) और मीति देवड़ा (शिवालिका ओबरॉय) होटल मैनेजमेंट कोर्स में क्लासमेट्स हैं. एक घटना के बाद, साहिल के मन में मीति की वफादारी को लेकर शक पैदा हो जाता है. इसके बाद ऑडियंस के सामने कैरेक्टर्स की बातों को यकीन करने और उसपर शक करना फोर्स किया जाता है.

‘ये साली आशिकी’ से दो नए चेहरे बॉलीवुड में डेब्यू कर रहे हैं.

पुरी जूनियर के डेब्यू को लेकर काफी चर्चा थी, लेकिन एक एक्टर के तौर पर असली छाप शिवालिका ओबरॉय ने छोड़ी है, जो चालाक ‘मीति’ के रूप में जंचती हैं.

डायरेक्टर चिराग रूपरेल ने वर्धन पुरी के साथ मिलकर इसका स्क्रीनप्ले भी लिखा है. डायरेक्टर ने बदले और बेवफाई की इस कहानी को सही गढ़ा है, लेकिन फिल्म के सेकेंड हाफ में दिखने वाले मिसॉजिनी हमें ये सवाल पूछने पर मजबूर कर देते हैं कि मेकर्स असल में कहना क्या चाहते हैं?

कई जगह पर एंगेज करती है फिल्म(फोटो: ट्विटर)

हालांकि, नए चेहरों ने फिल्म में ठीक काम किया है. शिवालिका अपने रोल में काफी सही लगी हैं और 'मीति' के कई मूड्स को उन्होंने बखूबी पर्दे पर उतारा है. वहीं, वर्धन की बात करें तो वो काफी कोशिश करते हैं, लेकिन जिन सीन में उनके एक्सप्रेशन दिखाने की जरूरत है, वहां वो उतना निखर नहीं पाए.

'ये साली आशिकी' कई जगह पर आपको एंगेज करती है. फिल्म का म्यूजिक, खासतौर पर रैप, फिल्म की टोन को कॉम्प्लिमेंट करता है. बदले की भावना की थीम वाली ये फिल्म ह्यूमन नेचर को एक्सप्लोर करती है. बस अगर इससे मिसॉजिनी को हटा दिया जाता, तो 'ये साली आशिकी' एक और बेहतर फिल्म होती.

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