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बिगबॉस के घर में अब तक बहुत से टास्क दिए जा चुके हैं. पर क्या आपको उनमें से एक भी ऐसा टास्क याद है जो बिना किसी वाद-विवाद, आरोप-प्रत्यारोप और लड़ाई-झगड़े के पूरा हो गया हो, नहीं ना...44वां दिन भी इससे बहुत अलग नहीं रहा.
लग्जरी बजट के लिए दिए जाने वाले टास्क धीरे-धीरे बहुत रोचक होते जा रहे हैं. इस बार घरवालों को एक डेयरी में काम करना था. जहां दूध देने के लिए एक नकली गाय भी थी. घरवालों को इस गाय से दूध लेकर उन्हें पैकेट्स में भरना था. इस टास्क के लिए घरवालों को दो समूहों में बांटा गया. ऑरेंज ग्रुप के कैप्टन प्रिंस बने और ब्लू ग्रुप की रिमी.
जी हां, सही पढ़ा आपने रिमी. कैप्टन किश्वर को संचालक की भूमिका दी गई. नकली गाय को गार्डेन एरिया में एक जगह रखा गया और उससे दो पाइप जोड़ी गई. हर टीम को ये टास्क दिया गया है कि वो 25 लीटर दूध जमा करे और उससे 50 पैकेट तैयार करे.
देखते हैं सबसे पहले 50 पैकेट कौन बनाता है?
वाइल्ड कार्ड एंट्री के तहत घर में दाखिल हुए सदस्य खुद भी काफी वाइल्ड हैं.
टास्क के दौरान मंदाना, कंवलजीत को दूध लेने से रोक रही थीं. इस पर कंवलजीत को गुस्सा आ गया और उन्होंने मंदाना को जोर से झटका दे दिया. पर क्या आपको याद है एक दिन पहले ही दोनों के बीच कितना प्यार नजर आ रहा था? अब जाकर सबका असली रंग सामने आ रहा है.
अब ये तो जायज बात है कि कंवलजीत के झटका देने के बाद मंदाना रोने के अलावा क्या करेगी पर वो आरोप लगाना अब भी नहीं भूली. उन्होंने कंवलजीत पर फिजिकल होने का आरोप लगाया. वैसे ये शब्द भी घर का सदस्य ही बन गया है. जब देखो कोई न कोई इसका इस्तेमाल करता मिल ही जाता है. पर इस बार वाकई ऐसा हुआ था. लीजिए एक और दोस्ती गई पानी में.
प्रिया जब घर में आई तभी उन्होंने घरवालों को ये चेतावनी दे दी थी कि वो यहां सबको ठीक करने आई है. पर गाय माता ने उन्हें ये एहसास करा दिया है कि इस घर में सबको ठीक कर पाना इतना आसान नहीं है. वो अभी नई हैं और उन्हें अंदाजा भी नहीं है कि ये घरवाले कब क्या कर सकते हैं. वैसे वो बहुत तेजी से चीजों को समझ रही हैं.
लेकिन टास्क के दौरान जब ऋषभ उनके हाथों पर लगा दूध चाटने लगे तो वो चीख पड़ीं.
प्रिया ने ऋषभ पर आरोप लगाया कि वो गंदी हरकतें कर रहे हैं. बस अब एक यही चीज थी जो होना बाकी था. प्रिया ने इस बात को यूं ही जाने नहीं दिया और ऋषभ को आड़े हाथों लिया. इसके बाद जब प्रिंस बीच में आए तो उनके साथ भी प्रिया की अच्छी बहस हुई.
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