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असल जिंदगी के ‘फुंसुक वांगड़ू’ को मिला ग्लोबल अवॉर्ड

एक असफल स्टूडेंट अगर वो करके दिखाए जो एक टॉपर का सपना हो, तो यकिनन सिस्टम में कोई परेशानी है

द क्विंट
एंटरटेनमेंट
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रियल लाइफ के ‘फुंसुक वांगड़ू’,’सोनम वांगचुक’ को मिला ग्लोबल अवार्ड (फोटो:Twitter)
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रियल लाइफ के ‘फुंसुक वांगड़ू’,’सोनम वांगचुक’ को मिला ग्लोबल अवार्ड (फोटो:Twitter)
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2009 में आई आमिर खान स्टारर '3 इडियट्स' ने बॉक्स ऑफिस में झंडे गाड़ दिए थे. फिल्म में आमिर खान ने ‘फुंसुक वांगड़ू’ का किरदार निभाया था. वैसे आज न तो हम बात करेंगे ‘3 इडियट्स’ की और न ही बात होगी आमिर खान की. बल्कि आज बात होगी ‘फुंसुक वांगड़ू’ की. इस कैरेक्टर को जिस शख्स प्रेरित होकर बनाया गया था, उनका असली नाम है सोनम वांगचुक.

और कमाल की बात ये है कि सोनम को उनके एक्सपेरिमेंट्स के लिए मिला है 'रोलेक्स अवॉर्ड फॉर इंटरप्राइज' 2016 दिया गया है.वांगचुक को ये अवॉर्ड मंगलवार को लॉस एंजिल्स में दिया गया.

सोनम वांगचुक यह अवॉर्ड उनकी सोच और उनके करिश्मे से दुनिया को बदलने के लिए दिया गया है. सोनम का बर्फ का स्तूप प्रोजेक्ट उन पांच विजेताओं में शामिल है, जिन्हें यह पुरस्कार दिया गया है. 

सोनम वांगचुक, 50 साल के इंजीनियर हैं, जो पश्चिमी हिमालय स्थित पानी की कमी वाले इलाके में बर्फ के स्तूप बनाकर खेती के लिए पानी की समस्या का हल खोजने की कोशिश कर रहें हैं. लद्दाख में अप्रैल और मई में पानी की समस्या पैदा हो जाती है. यह फसल के लिए खास समय होता है.

एक असफल स्टूडेंट अगर वो करके दिखाए, जो एक टॉपर का सपना हो, तो यकिनन सिस्टम में कोई परेशानी है.
सोनम वांगचुक, शैक्षिक सुधारक 
वांगचुक के अनुसार, रोलेक्स अवॉर्ड फंड प्रोजेक्ट को मदद करेगा और आइस स्तूप को वातावरण बदलने को अपनाने और रेगिस्तान में हरियाली लाने की तकनीक के रूप में बढ़ावा देगा.
जिसमें लद्दाख, हिमालय और दूसरे पर्वतों पर रहने वाले युवाओं को इस काम से जोड़, उन्हें पानी की समस्या से छुटकारा दिलाने पर काम होगा.

वांगचुक का स्कूल स्टूडेंट द्वारा ही चलाया जाता है, जहां स्टूडेंट्स खुद आईडिया सेलेक्ट कर नए-नए कॉन्सेप्ट पर काम करते हैं.

वांगचुक इस समय एक अलग यूनिवर्सिटी बनाने की कोशिश में लगे हैं. इसके लिए उन्हें 65-हेक्टेयर जमीन दान में मिल गई है.

वांगचुक बर्फ के 20 आइस स्तूप बनाना चाहते हैं, हर स्तूप 30 मीटर लंबा और लाखों लीटर पानी देने की क्षमता रखेगा. उनका मकसद है कि इसके लिए एक अलग से यूनिवर्सिटी बनाई जाए और युवा इस काम में आगे आएं.

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