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दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर की मौत की खबर उनके परिवार और फैंस के लिए सदमे के तौर पर आई. द क्विंट ने इस पर शर्मिला टैगोर से बात की, जो खुद काफी परेशान लगीं. टैगोर ने ऋषि कपूर के साथ की कुछ अच्छी यादें साझा कीं और कहा कि उनकी जगह कोई नहीं ले सकता और वो कपूर और उनके ट्वीट्स को बहुत मिस करेंगी.
लीजेंड ऋषि कपूर किस तरह के शख्स थे?
शर्मिला टैगोर: मैं पूरी तरह सदमे में हूं. मैं ये मान नहीं पा रही हूं कि ऋषि अब नहीं रहे. कल हमें इरफान की मौत की दुखद खबर मिली और आज ऋषि कपूर. वो दोनों ही इतने वर्सटाइल और टैलेंटेड थे. आप ऋषि की ‘मुल्क’, ‘हम तुम’, ‘कपूर एंड संस’ देखिए, वो नाचने से लेकर गाने और रोने, हंसने का काम इतनी आसानी से कर लेते थे. ऐसा नहीं था कि सामने कैमरा नहीं था, लेकिन वो ऐसे ही थे. मैं इतने सदमे में हूं और इतना दुख महसूस कर रही हूं. मुझे लगा था कि वो ठीक हो गए हैं. वो एक साल के लिए चले गए थे और हमने उन्हें देखा नहीं.
मैं उन्हें सच में मिस करती हूं. ऋषि कपूर की जगह कोई कैसे ले सकता है? और उनके ट्वीट्स. हम सब सोचते हैं कि अगर ये कहें तो इसका नतीजा क्या होगा, लोग क्या कहेंगे, ये सब उनके साथ नहीं था. मुझे खुशी है कि उन्होंने एक बुक लिखी, जो हमारे साथ रहेगी. मुझे लगता है उनकी फैमिली भी एक बुक लिखेगी. हम उनके बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं.
हम उन्हें एक एक्टर के तौर पर जानते हैं, लेकिन वो एक इंसान के तौर पर कैसे थे?
शर्मिला टैगोर: मैं एक बार उन्हें बता रही थी कि मैंने पैराग्लाइडिंग की, तो उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था. उनकी आंखें बड़ी हो गई. वो जो कहना चाहते थे, कहते थे और मैं उनकी ये बात पसंद करती थी.
सेट पर हमारा ऐसे वेलकम करते थे, जैसे उनका सेट हो. उन्होंने सोहा के साथ भी काम किया है. वो सोहा को लेकर बहुत प्रोटेक्टिव थे और सोहा उनके बारे में इतनी अच्छी बातें कहती है.
आपकी पसंदीदा ऋषि कपूर की फिल्में कौनसी हैं?
शर्मिला टैगोर: मुझे ‘मुल्क’ बहुत पसंद आई थी. उनकी पहली फिल्म डिंपल के साथ ‘बॉबी’, उसमें कुछ अलग प्रभाव था. जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती गई, वो और बेहतर होते गए. इसके अलावा उनके साथ ये बात भी थी कि वो अपने साथ काम करने वाले को भी बेहतर बना देते थे.
मुझे इरफान बहुत पसंद थे और ऋषि भी. मैं इनकी फिल्में देखने के लिए बेचैन रहती थी क्योंकि मैं जानती थी कि मुझे मजा आएगा. मैं कुछ सीखूंगी. इनका जाना बहुत निजी है.
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