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ऋषि कपूर की किताब खुल्लम खुल्ला में कई बड़े खुलासे हुए हैं. ऋषि कपूर की किताब में लिखी गई बातें उनकी किताब के टाइटल को कॉफी कंपलीमेंट करती हैं. तो चलिए आपको बताते हैं ऋषि कपूर ने किस-किस से अपने रिश्ते के बारे में क्या कहा?
दाउद से ऋषि की मुलाकात दो बार हुई. एक बार 1988 और दूसरी बार 1993 में. पहली मुलाकात पर ऋषि ने लिखा,
दाऊद और ऋषि की मुलाकात 4 घंटे तक चली. दोनों की बातचीत के दौरान दाऊद ने ऋषि को बताया की वो ना तो शराब पीता है और ना ही पिलाता है. उसने ऋषि के सामने ये भी कुबूला की उसने महज कुछ चोरियां की हैं और किसी को जान से नहीं मारा.
दूसरी मुलाकात के बारे में ऋषि लिखते हैं की वो 1989 में अपनी पत्नी नीतू सिंह के साथ अपने लिए दुबई के एक मॉल में जूते ढूंढ रहे थे और तभी अचानक से उनकी मुलाकात दाऊद से हुई. दाऊद अपने 8-10 बॉडीगार्ड के साथ वहां मौजूद था और उसने ऋषि को जूते दिलाने का भी ऑफर किया. ऋषि के मुताबिक दाऊद ने कहा कि कभी उन्हें किसी भी चीज की जरुरत हो तो वो उसे बताएं.
हालांकी ऋषि ने इसपर कुछ ज्यादा नहीं लिखा लेकिन एक बार उनकी मां घर छोड़कर चली गई थीं जब उन्हें राज कपूर और वैजयंती माला के अफेयर के बारे में पता चला था. और तो और ऋषि ने वैजयंती माला के रिश्ते को नकारने पर अपनी नाराजगी जताई. ऋषि के मुताबिक अगर उनके पिता जिंदा होते तो वैजयंती माला कभी भी उस रिश्ते से इंकार न करतीं. और वो भी तब जब उनके परिवार ने इसके कारण कठनाइयां झेली हैं.
ऋषि कपूर ने अपनी किताब में राजेश खन्ना के बारे में काफी कुछ लिखा है. ऋषि ने खुलकर बताया कि राजेश खन्ना से कोई जाती दुश्मनी नहीं थी. बस राजेश ने उनकी जिंदगी से डिंपल को छीन लिया था. ऋषि और डिंपल ने एक साथ बॉबी फिल्म में काम किया है.
ऋषि ने लिखा की वो डिंपल को लेकर काफी पोजैसिव थे. और जब डिंपल ने राजेश खन्ना से शादी कर ली तो वो काफी नाराज हुए थे. डिंपल और राजेश की शादी के कुछ समय बाद बॉबी रिलीज हुई और डिंपल ने शादी के बाद फिल्में पूरी तरह से छोड़ दी. 10 साल बाद डिंपल की सिनेमा में वापसी हुई और वो भी जब डिंपल और काका के बीच दूरियां आ गई थी.
उस समय ट्विंकल के साथ फिल्म साइन करने से पहले ऋषि ने राजेश खन्ना से मुलाकात की और उनसे अपने बर्ताव के लिए माफी भी मांगी. ऋषि का कहना था की उन्होंने सत्यम शिवम सुंदरम के समय में काफी बचकानी हरकत की थी.
कपूर की किताब में कई बातों का जिक्र है. जिनमें से एक है संजय दत्त और ऋषि की तकरार. किताब में ऋषि ने लिखा है कि एक बार संजय दत्त टीना मुनीम को ढूंढते हुए उनके घर आ गए, संजय को लगता था कि टीना और ऋषि एक दूसरे के करीब हैं. दोनों में तकरार भी हुई थी.
किताब में जवेद अखतर से तकरार, जितेंद्र से छोटी सी दोस्ती का भी जिक्र है. ऋषि ने फिल्म कर्ज के बाद अपने डिप्रेशन वाले फेज के बारे में भी लिखा है.
रणबीर ने अपने पिता की किताब का फोर्वर्ड लिखा है. रणबीर ने अपने पिता के साथ अपने रिश्तों पर कहा है,
रणबीर ने आगे लिखा की,
अपने पिता के ट्विटर कंट्रोवर्सी पर रणबीर ने कहा कि पापा सीधे चीर चलाते हैं. सोशल मीडिया एक पर्सनल मीडियम है और वहां वो जो कुछ भी लिखते हैं उसके पीछे कोई चुनावी एजेंडा नहीं.
ऋषि की मानें तो वो खुद में रहने वाले इंसान हैं और शायद तभी उनकी किताब में कुछ मसालेदार नहीं है.
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