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'ये बंदूक मजाक ना है, ये मर्दों का गहना है और मर्दों के हाथ ही अच्छी लगती है..
तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर की फिल्म सांड की आंख का ट्रेलर इसी डायलॉग से शुरू होता है. मर्दों के हाथ का गहना बंदूक... जिससे खेल-खेल में दो बुजुर्ग दादियां ऐसा निशाना लगाती हैं, कि बड़े-बड़े शिकारी भी गश खा जाते हैं.
यह फिल्म यूपी के जोहड़ी गांव में रहने वाली शूटर दादी और रिवाल्वर दादी के नाम से मशहूर चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर की कहानी है, जिन्होंने निशानेबाजी के मुकाबले में कई मेडल जीते.
चंद्रो के शूटर बनने की कहानी शुरू होती है 1999 में. 60 साल की उम्र में चंद्रो तोमर अपनी पोती को गांव के ही एक शूटिंग रेंज में ट्रेनिंग के लिए ले गईं. चंद्रो की पोती को बंदूक उठाने से डर लगता था, तब दादी ने उसका साथ देने का फैसला किया. पोती को सिखाने के लिए चंद्रो ने बंदूक उठाई और गोली चलाई, जो बिल्कुल निशाने पर लगा. चंद्रो तोमर का साथ दिया उनकी देवरानी प्रकाशो ने, दोनों घर में रात को सबके सो जाने के बाद प्रैक्टिस करती थी. चंद्रो नॉर्थ जोन में एक प्रतियोगिता में हिस्सा लेने गईं और पहली ही बार में उन्होंने सिल्वर मेडल जीत लिया.
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फिल्म में तापसी और भूमि के साथ-साथ विनीत सिंह, शाद रंधावा भी नजर आएंगे. गांव के बैकड्रॉप पर बनी इस फिल्म के लिरिक्स राज शेखर ने तैयार किए हैं. विशाल मिश्रा फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर होंगे. वहीं अनुराग कश्यप, निधि परमार और रिलायंस एंटरटेनमेंट फिल्म प्रोड्यूस कर रहे है. ये फिल्म इस साल दिवाली के मौके पर 25 अक्टूबर को रिलीज होगी.
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