Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Entertainment Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019'83', 'गीली पुच्ची' से लेकर 'सूर्यवंशी' तक - 2021 की झक्कास और बकवास फिल्में

'83', 'गीली पुच्ची' से लेकर 'सूर्यवंशी' तक - 2021 की झक्कास और बकवास फिल्में

ये साल बॉलीवुड फिल्मों के लिए मिला-जुला रहा.

स्तुति घोष
एंटरटेनमेंट
Updated:
<div class="paragraphs"><p>2021 की झक्कास और बकवास फिल्में</p></div>
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2021 की झक्कास और बकवास फिल्में

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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ये साल बॉलीवुड फिल्मों के लिए मिला-जुला रहा. उम्मीद के साथ सिनेमाघरों को खोला गया, लेकिन कोविड की दूसरी लहर में ये फिर बंद कर दिए गए. इसका बाद फिर सितंबर-अक्टूबर में सिनेमाघरों को वापस खोला गया. कोविड के कारण रिलीज को अटकी फिल्में इस साल आखिरकार बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुईं, वहीं कई फिल्में OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुईं.

एंथोलॉजी के लिए बेस्ट हैं नीरज घेवन और अभिषेक चौबे

एंथोलॉजी के लिए नीरज घेवन और अभिषेक चौबे पर पूरा यकीन किया जा सकता है. नेटफ्लिक्स की एंथोलॉजी 'अजीब दास्तां' में नीरज घेवन की फिल्म 'गीली पुच्ची' साल की सबसे शानदार फिल्मों में से एक है. घायवान की कहानियों में जाति ने हमेशा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन यहां ये सिर्फ कास्ट प्रिवलेज नहीं है, बल्कि जेंडर और सेक्शुएलिटी है, जिसे अच्छे तरीके से कहानी में बुना गया है.

वाणी कपूर और तापसी पन्नू ने किया इंप्रेस

अभिषेक कपूर की फिल्म 'चंडीगढ़ करे आशिकी...' में जहां आयुष्मान खुराना चंडीगढ़ के गबरू जवान बन अपने कम्फर्ट जोन में थे, तो वहीं, वाणी कपूर इस फिल्म की असली सरप्राइज पैकेज थीं.

तापसी पन्नू अपनी फिल्में बड़ी सावधानी से चुन रही हैं और अपनी हर परफॉर्मेंस के साथ बॉलीवुड में छाप छोड़ रही हैं. इस साल आई फिल्मों 'हसीन दिलरुबा' और 'रश्मि रॉकेट' में भी उनका काम कमाल का था.

'हसीन दिलरुबा' और 'रश्मि रॉकेट' में तापसी पन्नू

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क्रिकेट से बढ़कर कुछ नहीं

क्रिकेट वो चीज है जो सभी भारतीयों को जोड़ के रखती है. और यही चीज देखने को मिली कबीर खान की फिल्म '83' में. 1983 क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत की ऐतिहासिक जीत पर बनी इस फिल्म ने फिर से उन लम्हों को दर्शकों के लिए जीवंत कर दिया. कप्तान कपिल देव के रोल में रणवीर सिंह की परफॉर्मेंस साल की शानदार परफॉर्मेंस में से एक है.

'83' फिल्म का पोस्टर

ज्यादा शोर नहीं मचाने वाली फिल्मों ने दिखाए असली इमोशन्स

'राम प्रसाद की तेहरवीं' और 'पगलैठ' जैसी फिल्मों ने आम परिवारों, नाजुक रिश्तों और असली भावनाओं को बेहतरीन तरीके से दिखाया. हमें आखिर उन परिवारों को देखकर खुशी हुई, जो असली भावनाएं महसूस करते थे.

अमित वी मसूरकर की 'शेरनी', इवान आयर की 'मील पत्थर' और शूजीत सरकार की 'रदार उधम' जैसी फिल्में भी साल की बेहतरीन फिल्मों में शुमार होती हैं.

अब जरा नजर उन फिल्मों पर, जो मौके से चूक गईं

सच यही है कि इस साल की सबसे बकवास फिल्मों में जॉन अब्राहम की 'सत्यमेव जयते 2' भी शुमार होती है. और सिर्फ यही क्यों, सलमान खान की 'राधे' और बहनोई आयुष शर्मा के साथ बनाई गई 'अंतिम' भी कोई कम बकवास नहीं थी. सलमान अपने बड़े दिल के लिए जाने जाते हैं, लेकिन शायद अब वक्त आ गया है कि वो अपने करीबियों को काम देकर मदद करना बंद कर दें.

'बंटी और बबली' जितनी शानदार फिल्म थी, इसका सीक्वल उतना ही बकवास था. इस फिल्म की किसी को जरूरत नहीं थी.

अब आते हैं खिलाड़ी, या सेवियर अक्षय कुमार पर. अक्षय कुमार की फिल्में- 'बेल बॉटम' और 'सूर्यवंशी' देखकर लगता है कि उन्हें सेवियर कॉम्प्लेक्स हो गया है. अपनी प्रेजेंस से वो 'अतरंगी रे' को भी नहीं बचा पाए.

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Published: 31 Dec 2021,12:08 PM IST

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