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संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा. फिल्म लगातार आलोचनाओं का सामना कर रही है. फिल्म के समर्थक इस तथ्य पर तर्क देते हैं कि कहानी काल्पनिक है, और वास्तविक घटनाओं से इसका कोई लेना देना नहीं है.
हालंकि राजस्थान बोर्ड की इतिहास की किताब में इस घटना को वास्तविक बताया गया है. शुक्रवार को राजस्थान के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनाणी ने भी ये कहा है कि इतिहास के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) में पद्मावती से जुड़ी कोई भी 'गलत जानकारी' को इतिहास की किताब से हटाया जाएगा और जरूरी परिवर्तन किए जाएंगे.
राजस्थान बोर्ड की कक्षा 12 वीं की किताब ''भारत का इतिहास' में एक हैं अध्याय ''मुगल आक्रमण:प्रकार और प्रभाव'' जिसमें मुगलों के भारत पर आक्रमण और विस्तार की कहानियां बताई गईं हैं. इस अध्याय में रानी पद्मनी को ''सिंघल द्वीप' की राजकुमारी बताया गया है.जो कि पूर्वी श्रीलंका में है.
इस किताब में रानी पद्मनी को राजा गंधर्व की पुत्री बताया गया है. किताब के अनुसार राजकुमारी के पालतू तोते 'हीरा-मणि' ने ही राजा रतन सिंह को रानी की खूबसूरती के बारे में बताया था जिसके बाद राजा, द्वीप पार करके राजकुमारी पद्मनी से शादी करने पहुचे और उन्हें अपने साथ चित्तौड़ ले आए.
आठ साल तक घेरा डालने के बाद भी जब सुल्तान चितौड़ को जीत नहीं पाए तो अलाउद्दीन खिलजी ने ये प्रस्ताव रखा कि अगर उसे पद्मनी का प्रतिबिंब दिखा दिया जाए तो वह दिल्ली लौट जाएगा.खिलजी ने रानी पद्मनी का प्रतिबिंब देखा और राजा रतन सिंह को अपनी गिरफ्त में ले लिया और उनकी आजादी के बदले रानी पद्मनी की मांग कर डाली.
किताब में दिया गया है कि ‘मलिक मोहम्मद जायसी’ वो पहले इंसान हैं जिन्होंने रानी पद्मनी के बारे जिक्र किया था लेकिन उसका कोई भी स्रोत नहीं दिया गया था. राजस्थान बोर्ड की किताब के लेखकों के मुताबिक अबुल फजल ने भी इस घटना का जिक्र किया है.लेकिन ये घटना पद्मनी के जौहर से 200 साल पहले की है.
लोग इस बात का विरोध कर रहे हैं कि किताब में दी गई जानकारी में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है.उन्हें किताब में दी गई तीन बातों से ऐतराज है. पहला रानी पद्मनी श्रीलंका से नहीं थी बल्कि राजस्थान से थी. चित्तौड़ पर हमला रानी पद्मनी को पाने के लिए किया गया है न कि किसी राजनितिक कारणों की वजह से तीसरा और आखरी ये कि खिलजी रानी पद्मनी को देख ही नहीं पाया था क्योंकि वो वहां थी ही नहीं.
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