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Exclusive|‘सीता’ बने विभूति भैया,‘रावण’ बनकर तिवारी जी ने किया हरण

‘भाभी जी घर पर हैं’ के लीड एक्टर्स रोहिताश गौड़ और आसिफ शेख का इंटरव्यू

वैभव पलनीटकर
टीवी
Updated:
Bhabiji Ghar Par Hain TV Serial
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Bhabiji Ghar Par Hain TV Serial
फोटो: क्विंट हिंदी

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छोटे पर्दे का बेहद ही मशहूर शो है ‘भाभी जी घर पर हैं’. इस शो ने पिछले कुछ सालों में लोगों के दिल में एक अलग जगह बनाई है. तो हमने सोचा कि आपकी मुलाकात इस शो के लीड एक्टर्स से कराई जाए. पर्दे पर विभूति नारायण का किरदार करने वाले आसिफ शेख और मनमोहन तिवारी जी मतलब रोहिताश गौड़ का स्पेशल इंटरव्यू

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रियल लाइफ और पर्दे की लाइफ में आप रिश्तों को कैसे देखते हैं? दोनों जगह क्या फर्क होता है?

ऐसा कोई रिश्ता नहीं होता है. ये एक लेखक की सोच है. रिश्ते का कॉन्सेप्ट ये है कि पड़ोसी की बीबी ज्यादा बेहतर लगती है, लेकिन वहां पर होता उल्टा है.


हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में जो भाषा बोली जाती है वो वैसी की वैसी शो में इस्तेमाल की गई है? ये कैसे हुआ?

पहले मैं (रोहिताश गौड़) एक लापतागंज नाम का शो करता था. कई बार ये कोशिश की गई कि उसमें ठेठ हरियाणवी या पंजाबी लाई जाए. लेकिन लोग डरते थे, उन्हें लगा कि ये गुजरात में नहीं समझा जाएगा या साउथ में नहीं समझा जाएगा. ये गलत समझ थी जो हम लोगों ने तोड़ी है. हप्पू सिंह जो भाषा बोलता है वो ठेठ भाषा बोलता है. लेकिन वो भाषा गुजराती भी पसंद कर रहे हैं. पंजाबी भी पसंद कर रहे हैं. इस चीज को हमने तोड़ा है.

नागिन, डायन तरह-तरह के शो होते हैं? ग्राफिक्स, कैमरा, जूम इन, जूम आउट. इसमें ये नहीं होता?

इसमें कंटेंट है. जब सास बहू सीरियल शुरू हुए थे तब कॉमेडी सीरियल्स की तरफ लोग ध्यान नहीं दे रहे थे. उस समय जब में करता था तो मेरी मां कहती थी- बेटा सुबह देखेंगे, अभी मुझे सास बहू देखने दो.

लेकिन ये चीज बदली है, लोग अब पक गए. अब कॉमेडी जॉनर की तरफ पूरे दर्शक शिफ्ट हो रहे हैं. इसलिए आज ड्रीम गर्ल जैसी फिल्में हिट हो रही हैं. लोग कॉमिक वे में चीजों को देखना पसंद कर रहे हैं.

जब आप सामने वाली भाभी या पड़ोसन को छेड़ते हैं तो लाइन क्रॉस होती है?

ये अहम सवाल है, हम इसे देखते हैं कि हम कहीं लाइन तो क्रॉस नहीं कर रहे. मेरी या इनकी पत्नी को छोड़कर हम किसी को छूते नहीं है. हमने एक पर्दा रखा है. कोई भी एपिसोड देख लीजिए. एक सीमित दायरे तक जाते हैं. हल्का-सा छूकर निकल जाते हैं.

आपका किरदार शहरी है और आपका किरदार ग्रामीण है. लेकिन दोनों की आदतें एक ही हैं?

देखिए दोनों की औकात वही है. विभूति है देसी, बात करेगा अंग्रेजी में कहां जा रहे हो इधर आओ..  उसने अपना एक स्टाइल बना के रखा है लेकिन जब मार पड़ती है तो भैया.. भैया..

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 10 Oct 2019,10:48 AM IST

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