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रामायण धारावाहिक में अब तक के एपिसोड में आपने देखा, लक्ष्मण की हालत देखकर राम काफी ज्यादा भावुक हो जाते हैं और कहते हैं कि मेरे भाई लक्ष्मण के बिना मेरी जीता का कोई मतलब नही है. तभी विभीषण हनुमान से कहते हैं कि अगर वह लंका से वैद्दराज को ले आएं तो वह उपाय बता सकते हैं. जिस पर हनुमान राम जी का आशिर्वाद लेते हैं और लंका के लिए प्रस्थान करते हैं.
वैद्य के बताने पर हनुमान संजीवनी बूटी लाने की तलाश में निकल पड़ते हैं. हनुमान श्री राम से कहते हैं कि अगर वो कल सुबह तक संजीवनी नही लेकर आए तो फिर आज के बाद आपको कभी मुंह नही दिखाएंगे. हनुमान, पर्वत के पास पहुंचने पर हनुमान समझ नहीं पाते कि इनमें से कौन सी वह संजीवनी बूटी है. हनुमान सोचते हैं कि वह बूटी ढूंढेंगे तो बहुत समय लग जाएगा. ऐसे में हनुमान पूरा पर्वत अपने हाथ मे उठा कर ले गए.
हनुमान के पर्वत लेकर पहुंचते ही सभी प्रसन्न हो जाते हैं. वैद्यराज देखते हैं तो कहते हैं अरे हनुमान तुम तो पूरा पर्वत ले आए? इसके बाद हनुमान कहते है कि मुझे समझ नहीं आया कि कौन सी बूटी चाहिए इसलिए मैं पूरा पर्वत ही ले आया. वैदराज बूटी लेकर पीस कर ले आते हैं.
लक्ष्मण को जड़ीबूटी पिलाते है और लक्ष्मण स्वस्थ हो जाते हैं. राम लक्ष्मण को कहते हैं भैया बहुत बड़ा संकट आया था अब टल गया है. अब वैद्यराज कहते हैं कि हनुमान इस पर्वत को फिर से वहीं रख आओ जहा से लाए हो. हनुमान वापस जाते हैं और पर्वत वहीं छोड़ आते हैं.
लक्ष्मण ठीक हो गया, इस खबर से रावण क्रोधित हो उठता है. ऐसे में मेघनाद पिता से आज्ञा मांगता है कि वह उसे यज्ञ करने की आज्ञा दे, जिससे वह बहुत शक्तिशाली हो जाएगा. मेघनाद प्रण करता है कि वह दोनों भाइयों को आज खत्म करके ही रहेगा.
तभी श्रीराम और लक्ष्मण के पास विभीषण आते हैं. विभीषण बताते हैं कि मेघनाद कड़ी तपस्या और यज्ञ कर रहा है. अगर ये यज्ञ सफल हुआ तो मेघनाद को एक दिव्य रथ मिलेगा जिसका इस्तेमाल वह युद्ध में करेगा.
मेघनाद के यज्ञ को असफल करने के लिए लक्ष्मण राक्षसों की कुलदेवी के मंदिर के लिए निकलते हैं. लक्ष्मण प्रतिज्ञा करते हैं कि आज वह मेघनाद का खात्मा करके रहेंगे.
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