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रामायण धारावाहिक में अब तक के एपिसोड में आपने देखा, श्री राम और रावण के बीच भीषण युद्ध देखने को मिला था. जहां एक तरफ रावण की सेना के तमाम महाबली रणभूमि में धराशाई हो गए थे, तो वहीं श्री राम के हाथों पराक्रमी योद्धा रावण का वध हो जाता है. फिलहाल श्रीराम मां सीता को वापस अयोध्या ले आए हैं. अब कुछ वक्त मां सीता अपने ससुराल में खुशी खुशी रहेंगी. लेकिन अचानक सिर्फ एक सवाल से पूरी अयोध्या में अंधेरा छा जाएगा.
श्रीराम चंद्र कहते हैं कि आज से वह अपनी जनता के सुख और हित के लिए ही सारे काम करेंगे वह वचन लेते हैं. दरबार में श्रीराम संग मां सीता भी सिंघासन में विराजमान होती हैं. श्रीराम के इन वचनों के बाद दरबार में खुशी का माहौल छा जाता है सारे दरबारी झूमने लगते हैं. राम राज से जनता आनंद में होती है.
श्रीराम कहते हैं कि वह सबसे पहले अपनी मां कैकई के कक्ष में उनसे मिलने जाएंगे. उन्होंने कुछ तो बनाया होगा मेरे खाने के लिए. जैसे ही श्रीराम कैकई के पास जाने लगे थे. तभी वह भरत को ढूढते हैंतभी शत्रुघ्न बताता है कि भरत भैया इस कक्ष में नहीं आते. श्रीराम भरत को लेने जाते हैं. वह कहते हैं कि मां का अनादर करना सबसे बड़ा पाप है.
वह कैसी भी हो वह पूजनीय है. पिताश्री ने भी अपना श्राप वापस ले लिया है. लक्ष्मण बताते हैं कि रावण वध के पश्चात पिताजी प्रकट हुए थे. श्रीराम ने तब पिता से कहा कि वह अपना श्राप वापस ले लें. इसके बाद राजा दशरथ ने अपना श्राप वापस ले लिया.
भरत मां कैकई के गले लग कर रोने लगता है और कहता है मुझसे गलती हो गई मुझे क्षमा कर दो. कैकई भरत को गले लगा कर रोने लगती हैं और श्रीराम के लिए कहती हैं तुम महान को महाराज.
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