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अमेजन प्राइम वीडियो में 10 एपिसोड वाली सीरीज के किरदारों से मिलिए. सीरीज की खासियत है कि इसे लड़कियों ने लिखा है, लड़कियों के बारे में लिखा गया है और लड़कियों के लिए लिखा गया है.
चार महिलाओं की एक नए बार में मुलाकात होती है और चारों महिलाएं ‘बेस्ट फ्रेंड फॉरएवर’ बन जाती हैं. इसके बाद इसी बार में रह-रहकर मुलाकातों और पीने का सिलसिला शुरू हो जाता है.
लेकिन ये महिलाएं अपनी जिंदगी से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं. एक कपल अपनी खामियां मानने को तैयार नहीं, तो अन्य लोग उन्हें उनकी खामियां बताने पर तुले रहते हैं.
चारों के लिए कपड़ों का चुनाव शानदार है. पहले अनु मेनन के निर्देशन में देविका भगत की लिखी कहानी के किरदारों से आपको मिलाते हैं:
~अंजना मेनन एक सिंगल मॉम और एक कामयाब वकील हैं. जिंदगी की उलझनों से जूझते हुए कुछ वक्त अपने लिए निकाल लेती हैं. कीर्ति कुल्हारी की अंग्रेजी थोड़ी तंग है. उनका मॉडर्न पहनावा भी उनके लिए समस्या बना रहता है. वो ग्रुप की एक मैच्योर सदस्य दिखने की कोशिश करती हैं, लेकिन अपनी नाकाम शादीशुदा जिंदगी से परेशान भी रहती हैं.
~दामिनी रिजवी रॉय एक कामयाब खोजी पत्रकार हैं और अपने गायनोकॉलजिस्ट को लेकर ख्यालों में खोई रहती हैं. ये लगाव क्यों हैं, इस सवाल का उनके पास कोई ठोस जवाब नहीं है. पुरुषों के लिए उनके दिल में कोई जगह नहीं है. एक संवेदनशील, हताश फिर भी जुझारु महिला के रूप में सायनी गुप्ता ने ये किरदार खूबसूरती से निभाया है.
~23 साल की सिद्धि पटेल अपनी मां की तानाशाही से परेशान हैं, जिनकी सबसे बड़ी चिंता अपनी बेटी के लिए अच्छा दूल्हा तलाशना है.
~उमंग लुधियाना से भागकर मुंबई आई हैं. एक फिटनेस ट्रेनर के तौर पर वो आजाद और उन्मुक्त जिंदगी जीती है. बाईसेक्सुअल उमंग को अपने टैटूज से भी उतना ही प्यार है. लेकिन बानी जे की डायलॉग डिलिवरी को समझने के लिए मुझे सब-टाइटल का सहारा लेना पड़ा.
चारों किरदारों के फैशन परेड (जिसमें यकीकनन कॉस्ट्यूम का अच्छा योगदान है) के अलावा सीरीज में कुछ पुरुष किरदार भी हैं. मिलिंद सोमन (जो हरेक 30 पार कर चुकी महिलाओं के लिए ख्वाब हैं), प्रतीक बब्बर (जो बार के मालिक जे के किरदार में सटीक हैं) और नील भूपालम (अंजना के पूर्व पति) बेहतर भूमिका में हैं. दूसरे सपोर्टिंग कास्ट में सिमोन सिंह, लीजा रे और अमृता पुरी हैं.
असरदार प्रोडक्शन, बेहतरीन फिल्मांकन और सधी हुई एडिटिंग के साथ इस सीरीज के ज्यादातर हिस्से दक्षिणी मुंबई और गोवा में शूट किए गए हैं. ये सीरीज धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ती है. ऑरिजिनल साउंडट्रैक पर तैयार माइक मैकलीयरी के 12 गाने दर्शकों का ध्यान खींचने में सफल है.
चारों महिलाओं की आपसी केमिस्ट्री बेहतरीन है और पटेल परिवार का फैमिली ड्रामा हकीकत के करीब है.
अंजना, सिद्धि, दामिनी और उमंग के लिए हैप्पी आवर में अल्कोहल के साथ अपने दोस्तों की मदद लेने के अलावा भी उनकी भावनात्मक परेशानियों का हल किसी दूसरे तरीके से दिखाया जा सकता था.
लंदन, पेरिस, न्यूयॉर्क और वेटिंग जैसी फिल्मों के बाद डायरेक्टर अनु मेनन का ये ताजा निर्देशन है, जो मिलेनियल दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ता है.
वेबसीरीज प्लेटफॉर्म में सेंसर के लचीलेपन का लेखिकाओं (कहानी- देविका भगत, डायलॉग्स- इशिता मोइत्रा) ने पूरा फायदा उठाया है और जमकर सेक्स और यौनांग का जिक्र किया है, जो कई बार गैर-जरूरी लगता है. होमोसेक्सुअल रिश्ते भावनात्मक के बजाय शारीरिक रूप में ज्यादा दिखाए गए हैं.
कुल मिलाकर Four More Shots Please, सेक्स एंड द सिटी, फ्रेंड्स और क्रेजी रिच एशियंस जैसी ‘चिक फ्लिक्स’ और रोमांटिक कॉमेडी का मिला-जुला रूप है. इन दोस्तों के लिए ट्रक बार ‘सेन्ट्रल पर्क’ जैसा है, जहां कोई एक लिबास दोबारा पहनकर नहीं पहुंचता. उन्हें शराब से प्यार है और वे अपने सेक्सुअल स्टेटस के बारे में खुलकर बातें करती हैं. ये अलग बात है कि उनके बेडरुम में उनके निजी पलों की कहानी कुछ और होती है.
अमेजन प्राइम वीडियो पर ये सीरीज 25 जनवरी को रिलीज हुई है
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