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एमिरेट्स, जापान एयरलाइंस और ऑल निप्पॉन एयरवेज जैसी दुनिया भर की कई बड़ी एयरलाइंस ने अमेरिका में C-बैंड 5G मोबाइल सर्विस की शुरुआत पर अपनी चिंताओं का हवाला देते हुए अमेरिका के लिए उड़ानें या तो रद्द कर दी या उनमें फेरबदल कर दिया है.
एयर इंडिया ने भी "अमेरिका में 5जी संचार के लागू होने के कारण" कम से कम 8 उड़ानें रद्द कर दी थीं, लेकिन अमेरिकी अथॉरिटीज से मंजूरी मिलने के बाद से उन्हें फिर से शुरू कर दिया है.
एयरलाइन कंपनियों की चिंताओं पर स्वैच्छिक रूप से छह सप्ताह की देरी के बाद, प्रमुख अमेरिकी टेलीकॉम प्रोवाइडर्स AT&T और Verizon ने बुधवार, 19 जनवरी को पूरे अमेरिका में 5G C-बैंड टावरों को एक्टिवेट करना शुरू कर दिया.
एयरलाइंस इस बात से चिंतित हैं कि C-बैंड 5G विमान की सुरक्षा प्रणालियों में हस्तक्षेप करेगा. विशेष रूप से रेडियो अल्टीमीटर जमीन से एक विमान की ऊंचाई को मापने के लिए हाई फ्रीक्वेंसी वाली रेडियो वेव्स (4.2 - 4.4 गीगाहर्ट्ज़ के बीच) का उपयोग करते हैं.
गौरतलब है कि रेडियो अल्टीमीटर बैरोमेट्रिक अल्टीमीटर की तुलना में अधिक सटीक होते हैं और उनका इस्तेमाल वहां किया जाता है, जहां विमान की ऊंचाई को ठीक से मापने की जरूरत होती है. विशेष रूप से कम ऊंचाई और कम दृश्यता वाले संचालन के दौरान.
इंटरनेट प्रोवाइडर्स के लिए एक उच्च आवृत्ति बैंड का अर्थ है तेज सेवा. उनका तर्क है कि 5G पहले से ही अन्य देशों में लगाया जा चुका है और इससे विमानों के लिए कोई परेशानी नहीं हुई है.
Verizon और AT&T संभावित हस्तक्षेप को कम करने के लिए छह महीने के लिए करीब 50 अमेरिकी हवाई अड्डों के लिए बफर जोन बनाने पर भी सहमत हुए हैं. उन्होंने सर्विस को लागू करने के लिए योजना बनाने के लिए समय का उपयोग "जिम्मेदारी से" नहीं करने के लिए सरकार पर निराशा भी जताई है.
यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 14 जनवरी को कहा कि "विमान के रेडियो अल्टीमीटर के साथ 5G का हस्तक्षेप इंजन और ब्रेकिंग सिस्टम को लैंडिंग मोड में संक्रमण से रोक सकता है, यह एक विमान को रनवे पर रुकने से रोक सकता है"
2020 में अमेरिका में 5G सी-बैंड की नीलामी से पहले, FAA ने फिर से चिंता जाहिर की थी और समाधान पर टेलीकॉम प्रोवाइडर्स के साथ सहयोग करने के लिए इसे स्थगित करने के लिए कहा था.
FAA वर्तमान में विभिन्न रेडियो अल्टीमीटर को मंजूरी देने और "वायरलेस कंपनियों से महत्वपूर्ण 5G ट्रांसमीटर स्थान और बिजली स्तर की जानकारी" का विश्लेषण करने की प्रक्रिया में है.
यह मुद्दा शुरू में बोइंग 777 को प्रभावित करता हुआ दिखाई दिया. बोइंग 777 एक लंबी दूरी और चौड़े शरीर वाला विमान है, जिसका व्यापक रूप से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए उपयोग किया जाता है. यही वजह है कि एयर इंडिया और अन्य प्रमुख एयरलाइंस, जो अपने अमेरिकी मार्गों पर इस विमान का इस्तेमाल करती हैं, ने कुछ उड़ानों को अस्थायी रूप से रद्द कर दिया था.
हालांकि, बोइंग और FAA ने अब इस विमान को कम दृश्यता की स्थिति में भी अमेरिका में संचालित करने की मंजूरी दे दी है.
स्वीकृत अल्टीमीटर वाले अन्य विमान मॉडल हैं:
बोइंग 717, 737, 747, 757, 767
एमडी-10/-11
एयरबस A300, A310, A319, A320, A321, A330, A340, A350, A380
FAA का अनुमान है कि 62% अमेरिकी कमर्शियल एयरलाइन्स 5G हस्तक्षेप के बिना काम करेंगे. इस सूची में जिन विमानों का उल्लेख नहीं है, उन्हें अभी तक FAA द्वारा मंजूरी नहीं दी गई है.
इस महीने की शुरुआत में 6,000 पायलटों की सदस्यता वाले फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने विमान उपकरणों के साथ 5G सिग्नल के संभावित हस्तक्षेप पर चिंता व्यक्त की थी.
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लिखे पत्र में, FIP ने DGCA और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) को 5G के सुरक्षित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक साथ मिलकर काम करने को कहा.
12 जनवरी को एक प्रेस बयान में, सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने कहा, "फ्रीक्वेंसी (भारत में) के ट्रांसमिशन में 530 मेगाहर्ट्ज (3670 मेगाहर्ट्ज से 4200 मेगाहर्ट्ज) का अंतर है, जो 5 जी और विमानों को एक साथ चलने के लिए सुरक्षित बनाता है"
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