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Bharat Ratna History Explained: बीजेपी के दिग्गज नेता और देश के पूर्व डिप्टी पीएम लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 3 फरवरी की सुबह इसकी घोषणा करते हुए इसे अपने लिए एक "भावनात्मक क्षण" बताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक हैं और भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है.
आइए आपको यहां बताते हैं कि भारत रत्न किसे और क्यों दिया जाता है? इसका इतिहास क्या है? इसको देने की क्या प्रक्रिया है? भारत रत्न पाने वालों को क्या सुविधाएं मिलती हैं?
'भारत रत्न' किसी भी क्षेत्र में असाधारण सेवा या उच्चतम स्तर के प्रदर्शन के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. यह एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है जो उन व्यक्तियों के योगदान को मान्यता देता है, जिन्होंने अपनी उपलब्धियों से भारत को गौरवान्वित किया है.
भारत रत्न की स्थापना 2 जनवरी 1954 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी. इस प्रस्ताव को पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट में पारित किया गया था.
इस पुरस्कार को प्रसिद्ध कलाकार और पद्म विभूषण प्राप्तकर्ता नंदलाल बोस द्वारा डिजाइन किया गया था. इस पुरस्कार में पीपल के पत्ते के आकार का कांस्य से बना होता है, जिसमें सूर्य की तस्वीर होती है और अग्रभाग पर देवनागरी लिपि में "भारत रत्न" शब्द अंकित होता है. इस पर भारत का राज्य प्रतीक और आदर्श वाक्य "सत्यमेव जयते" भी लिखा होता है.
यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने अपने क्षेत्र में बेहतर काम और मानव कल्याण के लिए उत्कृष्ट योगदान दिया है, फिर चाहे उनकी राष्ट्रीयता कुछ भी हो. यह पुरस्कार मरणोपरांत भी प्रदान किया जा सकता है. यह पुरस्कार किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं दिया जाता जो किसी अपराध या अनैतिक कार्य के लिए दोषी ठहराया गया हो.
भारत रत्न के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी लेने के बाद प्रधानमंत्री भारत के राष्ट्रपति को सिफारिशें भेजते हैं. राष्ट्रपति के पास पुरस्कार प्रदान करने का अंतिम अधिकार है. इसकी घोषणा आमतौर पर गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर की जाती है. यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक औपचारिक समारोह में प्रदान किया जाता है. प्राप्तकर्ताओं को एक पदक के साथ प्रमाण पत्र मिलता है जिसपर राष्ट्रपति का हस्ताक्षर होता है. पुरस्कार के साथ कोई आर्थिक अनुदान (पैसा) नहीं दिया जाता.
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यदि प्राप्तकर्ता की देश के भीतर मृत्यु हो जाती है, तो पूरे सैन्य सम्मान के साथ राजकीय अंतिम संस्कार किया जाता है.
1954 से अब तक 50 व्यक्तियों को भारत रत्न प्रदान किया गया है, जिनमें 17 मरणोपरांत शामिल हैं. भारत रत्न के पहले प्राप्तकर्ता सी. राजगोपालाचारी, सर्वपल्ली राधाकृष्णन और सी. वी. रमन थे. हाल में 'जननायक' के नाम से मशहूर कर्पूरी ठाकुर और लाल कृष्ण आडवाणी को इससे सम्मानित किया गया है.
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