Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Explainers Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019दिल्ली में सांस लेना मुश्किल क्यों? जरा ट्रांसपोर्ट की हालत देखिए

दिल्ली में सांस लेना मुश्किल क्यों? जरा ट्रांसपोर्ट की हालत देखिए

पब्लिक, बस, मेट्रो का क्या रहा दिल्ली की सेहत पर असर, जानिए 5 सालों की खास बात

अभय कुमार सिंह
कुंजी
Updated:
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना जरूरी
i
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना जरूरी
(फोटो: PTI)

advertisement

पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल होने वाली बस, सड़क पर कार की तुलना में दोगुनी जगह लेती है. लेकिन बस, कार के मुकाबले 40 गुणा ज्यादा यात्रियों को एक साथ सफर कराती है. बस की सवारी से ईंधन की बचत और काफी कम प्रदूषण का बोनस अलग है. लेकिन अपनी अनोखी दिल्ली इस मामूली जानकारी से भी बेखबर है. हर बार जब दिल्ली में प्रदूषण का ‘शोर’ मचता है, तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बेहतरी के लिए कितनी कवायदें की जाती हैं?

ट्रांसपोर्ट के आंकड़ों पर एक नजर

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जहां पिछले 5 साल के दौरान दिल्ली के पॉल्यूशन पर सबसे ज्यादा बहस हुई है उस दौरान पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपयोग करने वालों की संख्या में 10 फीसदी की कमी आई है. जहां 2012-13 ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए रोजाना 66 लाख राइड पूरे होते थे, 2016-17 में यह घटकर 59 लाख. ध्यान देने की बात है कि इस दौरान दिल्ली और आसपास के इलाकों की आबादी बढ़ी है और लोग रोजाना ज्यादा सफर कर रहे हैं. तो इसका मतलब ये है कि पिछले 5 साल में प्राइवेट ट्रांसपोर्ट में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है.

(फोटो: तरुण अग्रवाल/क्विंट हिंदी)

टैक्सियों की संख्या में बढ़ोतरी

अनुमान के मुताबिक पिछले 5 साल में टैक्सियों की संख्या में सालाना 10 परसेंट की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है. इसमें एक बड़ा हिस्सा ओला और उबर जैसी टैक्सी एग्रीगेटर का है. करीब 2.5 करोड़ की आबादी वाली राजधानी को कम से कम 11 हजार पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बसों की जरूरत है, फिलहाल दिल्ली के पास 5,800 बसें हैं.

(फोटो: तरुण अग्रवाल/क्विंट हिंदी)
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मेट्रो की सवारी में बढ़ोतरी

अच्छी बात ये है कि इस दौरान मेट्रो की सवारी में बढ़ोतरी हुई है. लेकिन कुल पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मेट्रो का हिस्सा अभी भी 50 फीसदी से कम ही है. ऐसे में मेट्रो की लोकप्रियता बढ़ने के बावजूद पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम इस्तेमाल करने वालों की संख्या में कमी आई है.

दिल्ली का राजीव चौक मेट्रो स्टेशन (फाइल फोटो: IANS)

दिल्ली के प्रदूषण में ट्रांसपोर्ट की हिस्सेदारी

बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी एक रिपोर्ट में IIT दिल्ली के प्रोफेसर दिनेश मोहन वायु प्रदूषण की वजहों का जिक्र कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली की हवा में 2.5 PM की मात्रा का 17 फीसदी ट्रांसपोर्ट की वजह से है. बता दें कि हवा में PM 2.5 की मात्रा 200 प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक होते ही ये खतरनाक हो जाती है. इसकी मात्रा 400 प्रति क्यूबिक मीटर या उससे ऊपर जाना स्वस्थ लोगों को भी बीमार कर सकता है. ऐसे में साफ है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देकर प्रदूषण पर कुछ हद तक लगाम कसी जा सकती है.

दिल्ली की हवा में 2.5 PM की मात्रा का 17 फीसदी ट्रांसपोर्ट की वजह से है.(फाइल फोटोः PTI)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 04 Jan 2018,08:45 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT