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ट्रेड वॉर छेड़ने पर क्यों अड़े हैं ट्रंप? जानिए कितना बड़ा है खतरा

अमेरिका की ओर से स्टील और एल्यूमीनियम पर टैरिफ की चेतावनी से खलबली 

दीपक के मंडल
कुंजी
Published:
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि सस्ते आयात से अमेरिकी उद्योग खतरे में हैं.
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डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि सस्ते आयात से अमेरिकी उद्योग खतरे में हैं.
(फोटो: AP)

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अमेरिकी राष्ट्रपति ने इंपोर्टेड स्टील और एल्यूमीनियम पर भारी टैरिफ लगाने का ऐलान कर खलबली मचा दी है. ट्रंप ने कहा है कि दूसरे देशों के सस्ते स्टील और एल्यूमीनियम ने अमेरिकी स्टील और एल्यूमीनियम उद्योग को बरबाद कर दिया है. इससे अमेरिका की सुरक्षा को भी खतरा है.डिफेंस में सस्ते स्टील और एल्यूमीनियम का इस्तेमाल अमेरिकी सेना को कमजोर करेगा.

ट्रंप के इस ऐलान के जवाब में कनाडा, मेक्सिको और यूरोप यूनियन से भी बदले की कार्रवाई की आवाज उठी है. अगर दोनों पक्ष अड़े रहे तो इससे भारी ट्रेड वॉर छिड़ सकती है.इससे अमेरिका समेत पूरी दुनिया की इकोनॉमी को नुकसान पहुंच सकता है लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के रुख में कोई नरमी नहीं आई है.

अमेरिका ने क्यों दी टैरिफ लगाने की धमकी?

डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्यूमीनियम आयात पर भारी टैरिफ का ऐलान कर खलबली मचा दी है(फोटो: AP)

ट्रंप ने 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के तहत आयातित स्टील पर 25 और एल्यूमीनियम पर 10 फीसदी टैरिफ यानी शुल्क लगाने की चेतावनी दी. ट्रंप का मानना है कि कनाडा, ब्राजील, जर्मनी, मेक्सिको अमेरिका, चीन और भारत अमेरिका में सस्ते स्टील की डंपिंग कर रहा है. ट्रंप को लगता है कि अमेरिका के साथ पुराने कारोबारी समझौतों का दूसरे देश फायदा उठा रहे हैं.

लिहाजा उन्होंने बराक ओबामा के नेतृत्व में शुरू किए गए ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप से हाथ खींच लिए और कनाडा और मैक्सिको जैसे देशों के साथ नाफ्टा कारोबारी समझौते में शर्तों को संशोधित करने का दबाव डाला. डब्ल्यूटीओ समझौते में मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों का इस्तेमाल करते हुए वह दूसरे देशों पर कारोबारी पाबंदियां लगाने का ऐलान करते रहे हैं. इसी कड़ी में अब उन्होंने आयातित स्टील और एल्यूमीनियम पर टैरिफ का ऐलान किया है.

क्या यह ट्रेड वॉर की शुरुआत है?

ईयू ने जवाबी कार्रवाई की तो अमेरिकी कंपनियों को भी झटका लगेगा (फोटो: Sanjit Das/Bloomberg)  

ट्रंप की चेतावनी के बाद यूरोपियन यूनियन, कनाडा और मैक्सिको ने अमेरिकी सामानों पर ज्यादा टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. चीन ने जवाबी कार्रवाई की सीधी चेतावनी तो नहीं दी है लेकिन कहा कि ट्रंप ने कार्रवाई की तो चुप नहीं बैठेंगे.

ईयू ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने अपने कदम नहीं रोके थे तो वह अमेरिका से आने वाले 2.8 अरब यूरो के सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएगा. कनाडा ने भी बदला लेने की बात कही है.अमेरिका की बरबॉन व्हिस्की, जीन्स और चीज़ के निर्यात पर ईयू की ओर से हैवी टैरिफ लगाई जा सकती है. इससे अमेरिका में इस उद्योग से जुड़े लोगों के रोजगार पर असर पड़ सकता है. अमेरिका चीन को बड़ी मात्रा में सोयाबीन, मक्का और मीट का निर्यात करता है. चीन में अमेरिका की बैंकिंग और इंश्योरेंस कंपनियां सक्रिय हैं. चीन ने कार्रवाई की तो अमेरिका को भारी नुकसान होगा. अगर बीच-बचाव नहीं हुआ तो ग्लोबल ट्रेड वॉर छिड़ सकती है.

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किस नियम की आ़ड़ लेकर ट्रंप दे रहे हैं चेतावनी?

ट्रंप को डब्ल्यूटीओ की कोई खास परवाह नहीं है. लेकिन डब्ल्यूटीओ में मौजूद राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रावधानों की आड़ लेकर वह अमेरिकी उद्योगों के लिए संरक्षणवादी कदम उठा रहे हैं. इन प्रावधानों में कहा गया है कि कोई देश अपनी सुरक्षा का हवाला देकर इस तरह के कदम उठा सकता है. यही वजह है कि ट्रंप ने कहा कि सस्ता स्टील और एल्यूमीनियम इसके मिलिट्री बेस को कमजोर कर रहा है. कई दूसरे देश भी इस प्रावधान का इस्तेमाल करते रहे हैं?

क्या अमेरिका को टैरिफ लगाने से फायदा होगा?

विशेषज्ञों का कहना है कि टैरिफ से अमेरिकी स्टील और एल्यूमीनियम को सीधे फायदा हो सकता है लेकिन उन सभी उद्योगों की लागतें बढ़ जाएंगीं, जो इनका इस्तेमाल करती हैं. अमेरिका में लगभग 65 लाख लोग स्टील और एल्यूमीनियम का इस्तेमाल करने वाले उद्योग से जुड़े हैं. उनके रोजगार को नुकसान पहुंच सकता है. 2002 में जब जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने स्टील आयात पर टैरिफ लगाया था तब अमेरिका में दो लाख नौकरियां चली गई थीं.

खुद ट्रंप की रिपब्लिक पार्टी के कई सांसद मानते हैं कि राष्ट्रपति का यह फैसला अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए भारी नुकसानदेह साबित हो सकता है. इससे टैक्स सुधारों और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए हाल में उठाए गए कदम बेअसर हो जाएंगे. इससे ग्लोबल इकोनॉमी की रफ्तार को भी चोट पहुंचेगी.

भारत के कारोबार पर क्या होगा असर?

भारत ने अमेरिका के कहने पर उसके कई प्रोडक्ट्स पर ड्यूटी घटाई है(फाइल फोटोः PTI)

भारत ने अमेरिकी हार्ले डेविडसन बाइक पर आयात ड्यूटी घटा कर आधी कर दी है. इसके बावजूद ट्रंप संतुष्ट नहीं हैं. ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी से अमेरिकी आयात को सहूलियत देने की मांग की थी और भारत सरकार ने इसे पूरी भी की है. क्या अब भारत ट्रंप के स्टील पर टैरिफ घटाने के फैसले के बाद बदले की कार्रवाई करेगा. हालांकि अमेरिका के स्टील आयात में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ दो फीसदी है. इसलिए इस पर उतना असर नहीं होगा.

सेल के पूर्व चेयरमैन एस के रूंगटा ने भारतीय अखबार द टेलीग्राफ से कहा कि अमेरिका को स्टील निर्यात करना अब बेहद मुश्किल होगा. लेकिन भारतीय स्टील उद्योग पर टैरिफ बढ़ने का असर काफी कम होगा क्योंकि हम सिर्फ वहां स्टील पाइप भेजते हैं. हां, अमेरिकी स्टील उद्योग की लागतें जरूर बढ़ जाएंगी.

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