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वॉशिंग्टन में बात करते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका को खरी-खोटी सुनाते हुए पाकिस्तान को 450 मिलियन डॉलर के पैकेज की आलोचना की. अमेरिका-पाकिस्तान के संबंध पर सवाल उठाते हुए जयशंकर ने कहा कि इस पार्टनरशिप से न अमेरिका को फायदा हुआ है और न ही पाकिस्तान को. जयशंकर ने आगे कहा कि इस पैकेज के पीछे तर्क देकर अमेरिका किसे बेवकूफ बनाना चाहता है?
अमेरिका पर इस तरह से क्यों भड़के भारतीय विदेश मंत्री? पाकिस्तान को अमेरिका से क्या मदद मिली है? अमेरिका का तर्क क्या है? जानिए.
अमेरिका ने सितंबर की शुरुआत में F-16 फाइटर जेट फ्लीट की मेंटेनेंस के लिए पाकिस्तान को 450 मिलियन डॉलर की मदद का ऐलान किया. पाकिस्तान को ये मदद जो बाइडेन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को पलटते हुए दी.
यूएस कांग्रेस के जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, स्टेट डिपार्टमेंट ने पाकिस्तान को 450 मिलियन डॉलर की मदद को सहमति दी. इस डील के तहत पाकिस्तान को नए फाइटर जेट्स नहीं दिए गए हैं, बल्कि पहले से दिए गए जेट्स की देख-रेख के लिए ये पैकेज दिया गया है.
अमेरिका का कहना है कि ये मदद उसने आतंकवाद से लड़ने के लिए दी है. इस इक्वीपमेंट की बिक्री से क्षेत्र में बुनियादी सैन्य संतुलन में कोई बदलाव नहीं आएगा. हालांकि, पाकिस्तान के इतिहास को देखते हुए इसपर संशय ही है.
इस डील को लेकर भारत ने पहले भी अमेरिका को अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर जानकारी दी थी कि इस डील को लेकर भारत की चिंता के बारे उन्होंने अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन से बात की है.
रक्षा मंत्री के बाद विदेश मंत्री ने भी इस पर आपत्ति दर्ज कराई. अमेरिका के दौरे पर गए जयशंकर ने वॉशिंग्टन में इंडियन कम्युनिटी को संबोधित करते हुए इस डील को लेकर अमेरिका पर हमला बोला. जब जयशंकर से इस डील को लेकर सवाल किया गया, तो जयशंकर ने कहा, "ये एक ऐसा संबंध है, जिससे न पाकिस्तान को फायदा मिला है, और न ही अमेरिका को. तो अमेरिका को देखना है कि इस संबंध के मेरिट क्या हैं और उन्हें उससे क्या मिल रहा है?"
जयशंकर के बयान के बाद अमेरिका ने अपने पैकेज पर सफाई देते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान, दोनों अलग-अलग बिंदुओं पर उसके सहयोगी हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, "हम पाकिस्तान या भारत के साथ अपने रिश्ते एक-दूसरे के संबंध में नहीं देखते हैं."
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