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जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई.
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ मौजूदा वक्त में भारत के सुप्रीम कोर्ट में जज हैं, जिनका पूरा नाम धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ है. 10 अक्टूबर, 2022 को वर्तमान सीजेआई यू यू ललित ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद के लिए उनके नाम की सिफारिश की थी.
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ महाराष्ट्र के पुणे से संबंध रखते हैं. उनके दादा विष्णु बी चंद्रचूड़ ने सावंतवाड़ी रियासत (वर्तमान में महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में) के दीवान के रूप में काम कर चुके हैं. डी वाई चंद्रचूड़ के पिता वाई वी चंद्रचूड़ भी भारत के 13वें मुख्य न्यायाधीश का रह चुके हैं, जो एक शास्त्रीय संगीतकार थे.
डी वाई चंद्रचूड़ ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज और लॉ डिपार्टमेंट से पढ़ाई की. उसके बाद उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का रुख किया, जहां से 1983 में एलएलएम किया. 1986 में जूरीडिकल साइंस (Juridical Sciences) में डॉक्टरेट की उपाधि लेने के बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में एक वकील के रूप में प्रैक्टिस की.
इसके बाद उन्होंने 1998 से 2000 तक भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी कार्य किया. 29 मार्च, 2000 को उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त किया गया.
इसके बाद डी वाई चंद्रचूड़ को 31 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस और 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस चंद्रचूड़ के काम के बारे में बात करते हुए उनके साथ बॉम्बे हाईकोर्ट में काम कर चुके एक वकील ने कहा कि उन्हें हमेशा अपने जूनियर वकीलों से भी उसी तरह बात करते हुए देखा गया, जिस तरह सीनियर वकीलों से बात करते थे. कोई ऐसा जूनियर वकील नहीं मिलेगा जो ये बताए कि जस्टिस चंद्रचूड़ उन पर कभी चिल्लाए हों.
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के बारे में ये भी कहा जाता है कि वो फैसले लिखने वाले एक बेहतरीन लेखक भी हैं.
16 अक्टूबर 2019 को जब बाबरी मस्जिद मामले में जस्टिस रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ा था, तो कहा गया कि फैसले के कुछ हिस्से जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ द्वारा लिखे हुए लगते हैं क्योंकि इसकी रूपरेखा उन फैसलों से मेल खाती है, जो उनके द्वारा लिखे गए थे.
न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ के बारे में कहा जाता है कि वो असहमति को लोकतंत्र के सुरक्षा वॉल्व के रूप में देखते हैं और वो फैसलों और असहमतिपूर्ण विचारों के लिए जाने जाते हैं.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल दो साल का होगा. 10 नवंबर 2024 को वो रिटायर हो जाएंगे. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट जज 65 वर्ष की आयु में रिटायर हो जाते हैं.
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Published: 17 Oct 2022,09:02 PM IST