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नई संसद भवन (Parliament Security Breach) में बुधवार, 13 दिसंबर को सुरक्षा में बड़ी चूक हुई. लोकसभा में उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल हो गया जब दो युवकों ने नारेबाजी की और कलर स्मोक का इस्तेमाल किया. संसद हमले की 22वीं बरसी के दिन हुए इस घटना से एक बार फिर सदन की सुरक्षा पर सवाल उठे हैं.
लोकसभा में हंगामा करने वाले दोनों आरोपी को मैसूर-कोडागु से बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा (MP Pratap Simha) की सिफारिश पर विजिटर्स पास मिला था. विपक्ष ने सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
इस पूरे घटनाक्रम के बीच आपको बताते हैं कि संसद आने वाले विजिटर्स के लिए क्या नियम हैं? वहीं सांसद को विजिटर्स को लेकर क्या गारंटी देनी होती है?
सदन के नियम सुरक्षा कर्मचारियों को दर्शक दीर्घा में कड़ी निगरानी रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य करते हैं कि विजिटर्स किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न करें और न ही चैंबर में कूदने की कोशिश करें.
विजिटर्स (संसदीय भाषा में "अजनबी") का "प्रवेश, वापसी और निष्कासन" लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 386 द्वारा शासित होता है.
नियम 387 अध्यक्ष को यह शक्ति देता है कि अगर वह उचित समझे तो सदन के किसी भी हिस्से से "अजनबियों" को हटा सकता है.
एमएन कौल और एसएल शकधर द्वारा लिखित "संसद की कार्यप्रणाली और प्रक्रिया" के मुताबिक, "एक सदस्य केवल उन लोगों के लिए विजिटर्स कार्ड जारी करने के लिए आवेदन कर सकता है, जिन्हें वो व्यक्तिगत रूप से बहुत अच्छी तरह से जानते हैं".
नियमों के मुताबिक, आगंतुकों को अपना पूरा नाम बताना होता है. इसके साथ ही, “आगंतुक के पिता/पति का नाम भी अनिवार्य रूप से पूरा देना होता है. सार्वजनिक गैलरी में प्रवेश कार्ड के लिए आवेदन केंद्रीकृत पास इशू सेल (CPIC) में विजिट की तारीख से पहले के वर्किंग डे पर शाम 4 बजे तक जमा कराना होता है".
विजिटर कार्ड आमतौर पर किसी सदस्य को किसी विशेष दिन के लिए निश्चित घंटों के लिए जारी किए जाते हैं. हालांकि, कुछ मामलों में, नियम दो कार्ड जारी करने की अनुमति देते हैं.
एक प्रावधान यह भी है जो सदस्यों को आपातकालीन मामलों में उसी दिन विजिटर कार्ड के लिए आवेदन करने की अनुमति देता है जब उनके लिए निर्धारित समय सीमा के भीतर आवेदन करना संभव नहीं होता है.
ऐसे मामले में अगर सीट खाली रहती है तो निम्नलिखित शर्तों पर एक सदस्य को CPIC से एक कार्ड जारी किया जाता है:
किसी सदस्य को किसी विशेष दिन के लिए चार से अधिक 'एक ही दिन' विजिटर कार्ड जारी नहीं किए जाते हैं.
सदस्य को खुद जाकर कार्ड प्राप्त करना होता है.
कार्ड पर समय सीमा लिखी हुई होती है.
आवेदन प्राप्त होने के कम से कम दो घंटे बाद कार्ड उपयोग के लिए उपलब्ध कराए जाते हैं.
लोकसभा में दो प्रकार की दीर्घाएं होती हैं:
सार्वजनिक दीर्घा
अध्यक्ष दीर्घा
एक सदस्य सार्वजनिक दीर्घा में एक दिन में चार लोगों को एंट्री करवा सकता है, जबकि अध्यक्ष की गैलरी में केवल दो लोगों की ही एंट्री हो सकती है. अध्यक्ष दीर्घा के लिए आगंतुकों के नामों की जांच अध्यक्ष द्वारा की जानी चाहिए. नियम के मुताबिक, सदस्य कार्ड में लिखे गए समय से पहले अपने मेहमानों की एंट्री नहीं करा सकता हैं.
नियमों के मुताबिक, एक सदस्य किसी ऐसे व्यक्ति के लिए विजिटर कार्ड के लिए आवेदन कर सकता है जो उसे व्यक्तिगत रूप से जानता है या चुनिंदा मामलों में उन लोगों के लिए, जिन्हें सदस्य से किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा मिलवाया गया है जो उसे व्यक्तिगत रूप से जानता है.
लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी नियमित बुलेटिन सदस्यों को आगंतुकों के प्रवेश के लिए अपनाई जाने वाली सुरक्षा प्रक्रियाओं के बारे में सूचित करते हैं.
गाइडलाइन के मुताबिक, सार्वजनिक दीर्घा चेकिंग पोस्ट पर तैनात संसद सुरक्षा कर्मचारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी आगंतुकों की डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर/हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर (DFMD/HHMD) के माध्यम से तलाशी ली जाए.
सुरक्षा कर्मचारियों को विजिटर कार्ड की सावधानीपूर्वक जांच करने और अपने पास मौजूद अनुमोदित सूची के साथ इसकी जांच करने का आदेश दिया गया है.
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