Home Explainers जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अजहर के बारे में ये बातें आपको जाननी चाहिए
जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अजहर के बारे में ये बातें आपको जाननी चाहिए
कैसे तैयार किया गया जैश-ए-मुहम्मद और क्यों मौलाना मसूद अजहर आतंक का दूसरा नाम बन गया?
द क्विंट
कुंजी
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(फोटो: रॉयटर्स)
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आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर और उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर को बुधवार को पाकिस्तानी अधिकारियों ने पठानकोट हमले की जांच के लिए सुरक्षा हिरासत में लिया गया.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि जैश-ए-मुहम्मद असल में क्या है और कौन है मौलाना मसूद अजहर?
जैश-ए-मुहम्मद एक पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन है, जिसे साल 2000 में मौलाना मसूद अजहर ने स्थापित किया.
31 दिसंबर, 1999 में कंधार एयरपोर्ट पर कुछ भारतीय विमान यात्रियों के बदले में मौलाना मसूद अजहर को रिहा किया गया था. उससे पहले अजहर भारत की कस्टडी में था.
साल 2001 में अमेरिका ने जैश-ए-मोहम्मद को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया.
साल 2002 में पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद को बैन कर दिया.
साल 2003 में खबर आई जैश-ए-मोहम्मद के बंटवारे की, जो कथित तौर पर खुद्दाम-उल-इस्लाम और जमात-उल-फुरकान में बट गया.
उसी साल जमात-उल-फुरकान के चीफ अब्दुल जब्बार ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ की हत्या की कोशिश की, जिसमें वह गिरफ्तार हो गया.
इसके बाद पाकिस्तान ने नवंबर 2003 में दोनों संगठनों, खुद्दाम-उल-इस्लाम और जमात-उल-फुरकान को बैन कर दिया.
जैश-ए-मोहम्मद का निशाना बने
लाहौर में साल 2009 में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुए हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने ही ली थी.
फरवरी, 2002 में कराची में मारे गए अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या का आरोप भी जैश-ए-मोहम्मद के सिर पर ही है.
13 दिसंबर, 2001 को भारतीय संसद पर किए गए भारत के सबसे बड़े आतंकी हमले को भी जैश के आतंकियों ने ही अंजाम दिया.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा की बिल्डिंग के भीतर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने ही बम ब्लास्ट किया था. इस ब्लास्ट में 30 लोग मारे गए थे.
इसके अलावा कश्मीर में पुलिसकर्मियों पर हमले समेत कई छिटपुट वारदातों को भी जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अंजाम देते रहे.
दक्षिणी कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के कई सौ हथियारबंद आतंकी मौजूद हैं.
(फोटो: रॉयटर्स)
अब मौलाना मसूद अजहर के बारे में
अजहर का जन्म पाकिस्तान में पड़ने वाले पंजाब के भवालपुर कस्बे में 10 जुलाई 1968 को हुआ. वह पेशे से एक मदरसे के टीचर हुआ करता था.
लेकिन जेहादी बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए अजहर ने अफगानिस्तान जाकर आतंकी गुट हरकत-उल-मुजाहिदीन से ट्रेनिंग ली.
अजहर के तालिबानी संगठनों से भी शुरुआत से ही अच्छे संबंध रहे हैं.
हालांकि, 10 फरवरी, 1994 में इंडियन सिक्योरिटी फोर्स ने कश्मीर के अनंतनाग जिले से गिरफ्तार कर लिया था.
गौरतलब है कि इसी मौलाना मसूद अजहर और उसके तीन साथियों को भारतीय खुफिया एजेंसी पठानकोट हमले के पीछे का मास्टरमाइंड मान रही है.
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